गन्ना में सहफसली खेती से किसानों को मिलेगा ज्यादा लाभ- गन्ना अधिकारी

थलवारा व सालपुर में हुई किसान गोष्ठी

हैदरगढ़ बाराबंकी परिषद के ग्राम थलवारा और सालपुर में गन्ना किसान संस्थान लखनऊ द्वारा चीनी मिल हैदरगढ़ के सहयोग से शरदकालीन गन्ना बुवाई के सघन प्रशिक्षण अभियान के अंतर्गत किसान गोष्ठी का आयोजन हुआ। गोष्ठी को संबोधित करते हुए गन्ना शोध संस्थान के पूर्व संयुक्त निदेशक डॉ वीरेश सिंह ने बताया कि शीघ्र प्रजाति में को शा 18231 और को लख 16202 तथा सामान्य में को लख 15206 खेती हेतु स्वीकृत हुई हैं । किसान भाई इनका बीज प्राप्त कर बुवाई कर सकते हैं। उन्होने कहा कि अपनी मिट्टी की जांच जरुर कराएं, और संतुलित उर्वरकों का प्रयोग करें। सामान्यतः 180 कि ग्रा यूरिया, 80 कि ग्रा फास्फोरस और 60 कि ग्रा पोटाश के साथ 30 कि ग्रा सल्फर का प्रति हेक्टेयर में प्रयोग करें । गन्ना संस्थान के विषय विशेषज्ञ अरुण कुमार ने किसानों से कहा कि गन्ना बुवाई पर खेत को ज्यादा समय दें और बीज को उपचारित करके ही बोएं। ट्रेंच विधि से गन्ना बोकर साथ में सहफसली खेती करके किसान भाई कम लागत में अच्छी उपज ले सकते हैं।

उन्होंने बताया कि जैविक विधि से कीट व रोग नियन्त्रण करें क्योंकि जैविक नियन्त्रण सस्ता है और पर्यावरण को नुकसान भी नहीं करता।ट्राईकोगामा के 20000 अंडे प्रति एकड़ की दर से 15 दिन के अंतराल पर 4 से 5 बार लगाने से सभी बेधक कीटों का नियंत्रण हो जाता है। जिला गन्ना अधिकारी दुष्यंत कुमार ने कहा कि सुगम गन्ना आपूर्ति, गन्ना पौध रोपण एवम कृषि निवेशों के वितरण का अधिक से अधिक लाभ लें, नैनो उर्वरकों का प्रयोग धीरे धीरे बढ़ाएं। पर्ची निर्गमन पूर्णतः पारदर्शी है पर्ची पर गन्ना आपूर्ति करके अपना बेसिक कोटा बढ़ाएं। गन्ना बीज कम डालें तथा शरदकाल में सहफसली खेती जरुर करें। हैदरगढ़ चीनी मिल के प्रबंधक गन्ना अनिल सिंह ने किसानों को चीनी मिल द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी दी और किसानों से को. 0118, 15023 तथा को लख 14201 गन्ना प्रजातियों की बुवाई करने तथा को 0238 की बुवाई न करने का अनुरोध किया। गोष्ठी में बड़ी संख्या में किसानों ने भाग लिया।

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