लखनऊ। प्रधानमंत्री मोदी ने 2014 में अपने पहले कार्यकाल में देशवासियों से संवाद करने के लिए ‘मन की बात’ कार्यक्रम की शुरूआत की थी। 2024 में लोकसभा चुनावों का ऐलान होने से कुछ दिन पहले 25 फरवरी को मोदी ने अगले तीन महीने ‘मन की बात’ कार्यक्रम नहीं करने का ऐलान किया था।
अपनी वापसी का भरोसा जताते हुए मोदी ने कहा था कि ‘अगली बार ‘मन की बात’ की शुरुआत 111 के शुभ अंक से हो तो इससे अच्छा भला क्या होगा।’
18वीं लोकसभा चुनाव में बहुमत के साथ सत्ता में लौटी भाजपानीत एनडीए से मोदी ने 9 जून को प्रधानमंत्री पद की शपथ ले ली है। ऐसे में इस बात की संभावना है कि 23 जून को आखिरी रविवार को तीसरे कार्यकाल में ‘मन की बात’ के पहले कार्यक्रम का प्रसारण हो। हालांकि इस बारे में अभी कोई आधिकारिक जानकारी या घोषणा नहीं हुई है। बता दें साल 2014 में सरकार बनाने के बाद अपने पहले और दूसरे कार्यकाल में मोदी ने अपनी मासिक ‘मन की बात’ के जरिए 110 बार राष्ट्र को संबोधित किया है।
दूसरे कार्यकाल के अंतिम एपिसोड में पीएम ने कहा
मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में 25 फरवरी 2024 को ‘मन की बात’ के अंतिम एपिसोड में प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘यह 110वां एपिसोड है और ऐसा हो सकता है कि देश में मार्च में चुनाव आचार संहिता लागू हो जाए।’ पिछले आम चुनाव के समय भी ऐसे ही मन की बात कार्यक्रम का प्रसारण कुछ महीनों के लिए बंद हो गया था। पीएम मोदी ने कहा कि ‘जब हम अगली बार मिलेंगे तो वो 111वां एपिसोड होगा और यह एक शुभ नंबर है और अगली बार ‘मन की बात’ की शुरुआत 111 के शुभ अंक से हो तो इससे अच्छा भला क्या होगा।’
2014 में कार्यक्रम की हुई थी शुरुआत
‘मन की बात’ के पहले एपिसोड का प्रसारण 03 अक्टूबर 2014 को हुआ। यह एपिसोड 14 मिनट का था। अप्रैल 2015 से इसका प्रसारण हर महीने के आखिरी रविवार को होने लगा। इसके अंग्रेजी संस्करण की शुरुआत 31 जनवरी 2016 से तो संस्कृत संस्करण की शुरुआत 28 मई 2017 से हुई। जनवरी 2015 में ‘मन की बात’ के चौथे एपिसोड का प्रसारण हुआ, तब से इसकी प्रसारण अवधि 30 मिनट यानी आधे घंटे रहने लगी। 27 जनवरी, 2015 को अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा भी प्रधानमंत्री मोदी के साथ इस कार्यक्रम में शामिल हुए थे। पहले कार्यकाल में 52वें एपिसोड का प्रसारण हुआ था।
100वें एपिसोड का संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय से हुआ था सीधा प्रसारण
30 अप्रैल 2023 को ‘मन की बात’ के 100वें एपिसोड का संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में भी सीधा प्रसारण किया गया। 100वें एपिसोड में पीएम मोदी ने कहा कि ‘मन की बात’ मेरे लिए दूसरों के गुणों से सीखने और आस्था और व्रत की तरह है और कार्यक्रम उनके लिए आध्यात्मिक यात्रा की तरह है जो उन्हें अहम् से वयम् की ओर ले जाता है। इस कार्यक्रम में फिर पीएम मोदी ने लोकल फॉर वोकल, पर्यावरण, स्वच्छता जैसे कई मुद्दों को उठाया।
23 भाषाओं 29 बोलियों में ‘मन की बात’
पीएम मोदी की ‘मन की बात’ का 23 भाषाओं और 29 बोलियों में प्रसारण होता है। इसमें से 25 बोली पूर्वोत्तर और चार बोली छत्तीसगढ़ की है। इसके अलावा, ‘मन की बात’ का फ्रेंच, चीनी, इंडोनेशियाई, अरेबिक और पश्तो समेत 11 विदेशी भाषाओं में भी प्रसारण होता है।
‘मन की बात’ में इन मुद्दों का हुआ जिक्र
‘मन की बात’ में प्रेरणादायक कहानियों का 730 बार, सफाई अभियान का 52 बार, स्वास्थ्य जागरूकता का 28 बार, जवानों की बहादुरी का 24 बार, खेल और इससे जुड़ी उपलब्धियों का 23 बार, महिला सशक्तिकरण का 307 बार, खादी का 14 बार और योग का 30 बार जिक्र किया गया।
100 करोड़ लोग सुन चुके हैं ‘मन की बात’
आइआइएम रोहतक के एक अध्ययन में यह बात सामने आई है कि ‘मन की बात’ को अब तक 100 करोड़ लोग सुन चुके हैं, वहीं 99 प्रतिशत लोग इससे वाकिफ हैं। अध्ययन में बताया गया कि 23 करोड़ लोग ‘मन की बात’ को नियमित रूप से, जबकि 41 करोड़ लोग कभी-कभी सुनते हैं।
मन की बात का बेसब्री से इंतजार
लखनऊ के शक्तिनगर निवासी 77 वर्षीय सुमित्रा बरनवाल नियमित तौर पर ‘मन की बात’ कार्यक्रम सुनती हैं। सुमित्रा के अनुसार,’जब पीएम बात करते हैं तो ऐसा लगता है मानो कोई अपना आपसे बात कर रहा है। मुझे व मेरे परिवार को मन की बात का बेसब्री से इंतजार है।’