फाइलेरिया प्रभावित अंगों की समुचित देखभाल के प्रति किया जागरूक
बलिया। फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत सोहांव ब्लॉक के अंतर्गत हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर कारो पर रुग्णता प्रबंधन व दिव्यांग्ता रोकथाम (एमएमडीपी) कैम्प का आयोजन किया गया। इसमें 24 फाइलेरिया रोगियों को प्रभावित अंगो की देखभाल की किट देकर प्रशिक्षित किया गया।
जिला मलेरिया अधिकारी सुनील कुमार यादव ने बताया कि फाइलेरिया मादा क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है। इसे लिम्फोडिमा (हाथी पांव) भी कहा जाता है। इसके प्रभाव से पैरों व हाथों में सूजन, पुरुषों मे हाइड्रोसील (अंडकोष में सूजन) और महिलाओं में स्तन में सूजन की समस्या आती है। यह बीमारी न सिर्फ व्यक्ति को दिव्यांग बना देती है, बल्कि इस वजह से मरीज की मानसिक स्थिति पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है। उन्होंने बताया कि फाइलेरिया का सम्पूर्ण इलाज तो नहीं है, लेकिन बीमारी की शुरुआत में सरकारी अस्पताल से दवा का सेवन किया जाए तो बीमारी को बढ़ने से रोक सकते हैं। उन्होंने बताया कि स्वस्थ व्यक्तियों को यह बीमारी न हो इसके लिए वर्ष में एक बार एमडीए अभियान चलाकर घर-घर लोगों को फाइलेरिया से बचाव की दवा खिलाई जाती है। इसके अलावा मच्छरों से बचाव के लिए मच्छरदानी का प्रयोग करें। घर के आस- पास व अंदर साफ-सफाई रखें, आस पास पानी जमा न होने दें। जिला मलेरिया अधिकारी ने फाइलेरिया प्रभावित अंगों के रुग्णता प्रबंधन का अभ्यास कराया।
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स्वास्थ्यकर्मी के सामने ही खाएं दवा
बलिया। जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि वर्तमान में जनपद में लिम्फोडीमा फाइलेरियासिस (एलएफ़ ) के 4269 मरीज हैं। इन मरीज़ों में से 3951 मरीजों को एमएमडीपी किट वितरित की जा चुकी हैं।
बताया कि 10 फरवरी से जनपद के सोहांव ब्लॉक में सर्वजन दवा वितरण (एमडीए) अभियान चलेगा। जिसमें स्वास्थ्यकर्मी घर-घर जाकर लोगों को फाइलेरिया से बचाव की दवा खिलाएँगे। सभी लोगों से यह अनुरोध है कि स्वास्थ्यकर्मी के सामने ही दवा खाएं। इस मौके पर सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी विकास कुमार, क्षेत्रीय एएनएम एवं आशा, पाथ संस्था के आर एन टी डी ओ डॉ. अबू कलीम, जिला समन्वयक वेद प्रकाश आदि उपस्थित रहे।