नई दिल्ली । कावेरी जल विवाद मामले में कर्नाटक सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है। कर्नाटक सरकार ने अपने हलफनामे में तमिलनाडु सरकार की अर्जी का विरोध करते हुए कहा है कि तमिलनाडु की मांग पूरी तरह से गलत है। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने इस मामले पर सुनवाई के लिए बेंच गठित करने को कहा है।
कर्नाटक सरकार का कहना है कि यह एक गलत धारणा पर आधारित है कि यह संकटग्रस्त साल नहीं है, बल्कि यह सामान्य बारिश का साल है। इस साल बारिश 25 फीसदी कम हुई है। यह पानी की कमी वाला साल है। जलाशयों का प्रवाह लगभग आधा हो गया है। ऐसे में तमिलनाडु हमें पानी छोड़ने के लिए मजबूर नहीं कर सकता।
दरअसल, तमिलनाडु सरकार ने अपनी याचिका में कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से मुताबिक कर्नाटक सरकार पानी नहीं छोड़ रही है। कावेरी जल विवाद मामले पर फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 16 फरवरी 2018 को कहा था कि कोई भी राज्य कावेरी नदी पर अपना दावा नहीं कर सकता है। तत्कालीन चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली बेंच ने कावेरी वाटर ट्रिब्युनल के फैसले में संशोधन करते हुए आदेश दिया था कि कर्नाटक को 14.75 टीएमसी पानी ज्यादा मिलेगा, जबकि तमिलनाडु को 192 टीएमसी की जगह 177.25 टीएमसी पानी दिया जाएगा।