साइबर अपराधों पर नकेल कसने के लिए आईटी मंत्रालय जल्द लाएगा “डिजिटल इंडिया बिल”

नई दिल्ली: देश में बढ़ते साइबर अपराधों (Cyber Crimes) पर नकेल कसने और इंटरनेट और आईटी सेक्टर को सख्ती से रेगुलेट करने के लिए तैयार नए “डिजिटल इंडिया बिल” (Digital India Bill) का मसौदा इलेक्ट्रॉनिक्स एंड आईटी मिनिस्ट्री जल्द ही पब्लिक कंसल्टेशन के लिए सार्वजनिक करेगी. खबरों के मुताबिक नए प्रस्तावित कानून में नियमों के उल्लंघन पर 500 करोड़ रुपये तक की पेनाल्टी का प्रावधान शामिल किया जा सकता है. भारत को 2025-26 तक एक डिजिटल राष्ट्र बनाने के लक्ष्य के तहत डिजिटल सिटीजन्स के लिए ओपन इंटरनेट और ऑनलाइन सेफ्टी पर जोर होगा.

अपराधों की संख्या लगातार बढ़ रही
सूत्रों के मुताबिक साल 2000 में जब IT Act बना, उस समय देश में 55-लाख इंटरनेट यूजर थे. आज इनकी संख्या बढ़कर 85 करोड़ से ज़्यादा हो गई है. इसके साथ ही, इंटरनेट का दुरुपयोग, ऑनलाइन फाइनेंसियल फ्रॉड के साथ-साथ कई प्रकार के साइबर अपराधों की संख्या भी लगातार बढ़ती जा रही है.

सख्त सजा का प्रावधान होगा

प्रस्तावित कानून में साइबर क्राइम, साइबर सिक्योरिटी और हैकिंग के अलावा कैटफिशिंग, डॉक्सिंग, साइबर स्टाकिंग, साइबरट्रोलिंग, गेसलाइटिंग, फिशिंग जैसे साइबर-अपराधों के खिलाफ भी सख्त नियम शामिल करने की तैयारी है. रिवेंज पोर्न, साइबर फ्लेशिंग, डॉर्क वेब, डिफेमेशन, साइबर बुलिंग जैसे साइबर अपराधों के खिलाफ भी सख्त प्रावधान शामिल किए जाएंगे. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों पर बच्चों की प्राइवेसी और सुरक्षा, गेमिंग और बेटिंग ऐप से निपटने के लिए भी नए प्रावधान शामिल करने की तैयारी है.

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