बूथवार टोली बनाकर चुनाव प्रचार करेंगे मंत्री

अयोध्या की मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव का ऐलान हो गया है. यहां 5 फरवरी को मतदान होगा और 8 फरवरी को वोटों की गिनती की जाएगी. मिल्कीपुर से समाजवादी पार्टी (सपा) ने अपने प्रत्याशी का ऐलान काफी दिन पहले ही कर दिया था. यहां से अयोध्या के सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद को सपा ने मैदान में उतारा है.

वहीं, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की ओर से कई दावेदार टिकट की चाहत में दिल्ली से लखनऊ की दौड़ लगा रहे हैं. मिल्कीपुर सीट को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के बीच नाक की लड़ाई चल रही है.

इस सीट की कमान खुद सीएम योगी आदित्यनाथ ने संभाली है और आधा दर्जन से अधिक बार मिल्कीपुर जा चुके हैं. कुछ दिन पहले ही सीएम योगी ने छह मंत्रियों की ड्यूटी भी मिल्कीपुर में लगा दी है, जिसमें सूर्य प्रताप शाही, स्वतंत्र देव सिंह, जेपीएस राठौर, दयाशंकर दयालु, मयंकेश्वर शरण सिंह और सतीश शर्मा शामिल हैं.

बूथवार टोली बनाकर चुनाव प्रचार करेंगे मंत्री
सीएम योगी आदित्यनाथ ने इन मंत्रियों को बूथवार टोली बनाकर जनता से सीधा संवाद और जनसंपर्क करने का निर्देश दिया है. मंत्रियों के अलावा बीजेपी संगठन के कई ताकतवर चेहरों की भी ड्यूटी लगाई गई है. पिछले छह महीनों के अंदर यूपी सरकार की ओर से रोजगार मेला समेत कई कार्यक्रम भी करवाए गए हैं, ताकि वोटरों के बीच पैठ बनाई जा सके. बीजेपी की कोशिश है कि अयोध्या लोकसभा सीट की हार का बदला मिल्कीपुर में लिया जाए.

अखिलेश संभाल सकते हैं प्रचार की कमान
वहीं, अखिलेश यादव ने भी अपने नेताओं की टीम को मिल्कीपुर में उतार दिया है. अयोध्या के सांसद अवधेश प्रसाद को ही इस सीट का प्रभारी बनाया गया है. सपा यहां भी संविधान और अपने सांसद के स्वाभिमान को मुद्दा बनाएगी. सपा सूत्रों का कहना है कि अखिलेश यादव खुद मिल्कीपुर सीट पर चुनाव प्रचार की कमान संभालेंगे और शिवपाल यादव, इंद्रजीत सरोज, माता प्रसाद पांडेय समेत सभी बड़े नेताओं की ड्यूटी लगाई जाएगी.

क्या है मिल्कीपुर का सियासी समीकरण
अगर मिल्कीपुर का सियासी समीकरण देखें तो सपा की स्थिति मजबूत है. यहां पर 65 हजार यादव, 60 हजार पासी और 35 हजार मुस्लिम वोटर हैं. इसके अलावा 50 हजार ब्राह्मण, 25 हजार ठाकुर, 50 हजार गैर-पासी दलित, 8 हजार मौर्य , 15 हजार चौरासिया, 8 हजार पाल, 12 हजार वैश्य वोटर हैं. 30 हजार अन्य जातियों के वोट हैं. सपा को भरोसा है कि उसका PDA का नारा कामयाब होगा और यादव-पासी-मुस्लिम-दलित-अन्य पिछड़ा का समीकरण बनेगा.

पिछले 8 चुनाव में 6 बार जीती है सपा
वैसे तो यह सीट 1967 से ही वजूद में है, लेकिन 1996 के बाद से हुए 8 चुनावों में से 6 बार सपा जीतने में कामयाब रही है. 2008 में यह सीट आरक्षित हो गई थी. उसके बाद 2012 में हुए चुनाव में सपा के अवधेश प्रसाद जीते थे, लेकिन 2017 में वह बीजेपी के बाबा गोरखनाथ से हार गए थे. 2022 में सपा के टिकट पर अवधेश प्रसाद फिर जीते. 2024 में अवधेश प्रसाद, अयोध्या के सांसद बन गए. इस वजह से यह सीट खाली हुई और अब उपचुनाव होने जा रहा है.

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