बेंगलुरु। कांग्रेस की गारंटी योजनाओं पर आपत्ति जताने पर कर्नाटक सरकार में मंत्री प्रियांक खरगे ने गुरुवार को इंफोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति से असहमति जताई। अभी हाल ही में नारायण मूर्ति ने बेंगलुरु टेक समिट में कहा था कि कुछ भी मुफ्त में नहीं दिया जाना चाहिए और लोगों को मिलने वाली चीजों के लिए जवाबदेह होना चाहिए।
उन्होंने सरकार द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी का भी विरोध किया था। पत्रकारों से बातचीत में खरगे ने कहा कि किसी को यह भी देखना चाहिए कि कितने लोगों को गरीबी रेखा से नीचे धकेल दिया गया है और किस प्रकार अमीर और अमीर होते जा रहे हैं और गरीब गरीब ही बने हुए हैं।
उन्होंने कहा कि नारायण मूर्ति ने अपनी निजी राय दी है। उन्होंने इंफोसिस फाउंडेशन के माध्यम से परोपकारी कार्य किए हैं। उन्होंने कहा कि जब आप नागरिक अधिकारों की बात करते हैं तो नागरिकों के कर्त्तव्यों और दायित्वों पर भी चर्चा की जानी चाहिए। गारंटी योजना के साथ परिवार प्रतिवर्ष 1.20 लाख रुपये बचा पा रहे हैं। वे इसे बच्चों के पौष्टिक आहार खिलाने पर खर्च करेंगे और उन्हें ट्यूशन के लिए भी भेज सकेंगे।