नई दिल्ली। दिल्ली सरकार में मंत्री और आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता कैलाश गहलोत ने राजधानी में चुनाव से 3 महीने पहले पार्टी और सरकार दोनों से इस्तीफा दे दिया। उनका कहना है कि पार्टी और सरकार अपने मूल उद्देश्य से भटक गई है और दिल्ली की जनता के बजाय राजनीतिक एजेंडा पर ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री आतिशी ने कैलाश गहलोत का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है।
दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी को केवल दो लाइनों में उन्होंने इस्तीफा लिखा है, लेकिन आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल को लिखे इस्तीफे में उन्होंने विस्तार से इसके पीछे के कारणों की जानकारी दी है। उन्होंने कहा, “राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं ने लोगों के प्रति प्रतिबद्धता का स्थान ले लिया है। इसी के चलते जनता को किए गए कई वादे अधूरे हैं।” इस संदर्भ में उन्होंने दिल्ली में यमुना की सफाई के वादे का उल्लेख किया।
अपने पत्र में गहलोत ने मुख्यमंत्री आवास पर करोड़ों का खर्च कर हुए निर्माण कार्य से जुड़े विवाद ‘शीश महल’ का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि इससे बहुत से लोगों के मन में संदेह पैदा हुआ है कि क्या हम अब भी आम आदमी हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली की जनता के बजाय हम राजनीतिक एजेंडा के लिए ज्यादा लड़ाई लड़ रहे हैं। यह स्वाभाविक है कि दिल्ली की जनता की वास्तविक भलाई केंद्र सरकार से लगातार लड़ते रहने से हासिल नहीं होगी। अपने पत्र के अंत में उन्होंने कहा कि उनकी यात्रा दिल्ली की जनता की सेवा से शुरू हुई थी और वह आगे भी जारी रहेगी।