बहुजन समाज पार्टी के सांसद दानिश अली ने शनिवार को दावा किया कि महुआ मोइत्रा के खिलाफ ‘धन के बदले प्रश्न’ से जुड़े आरोप में लोकसभा की आचार समिति की रिपोर्ट में कथित रूप से एक पूरा पैराग्राफ इस समिति की बैठकों में उनके आचरण के बारे में है और उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से इसे हटाने का आग्रह किया.
लोकसभा की आचार समिति ने अपनी रिपोर्ट में मोइत्रा की निचले सदन से सदस्यता समाप्त करने की सिफारिश की है जिसे सोमवार को लोकसभा में पेश किए जाने की संभावना है.
बिरला को लिखे पत्र में आचार समिति के सदस्य अली ने नियमों का हवाला देते हुए कहा कि समिति के अध्यक्ष को उसकी रिपोर्ट में किसी सदस्य या उसके आचरण अथवा समिति की बैठक में सदस्य या सदस्यों द्वारा व्यक्त की गई राय के बारे में समिति की रिपोर्ट में उल्लेख करने का अधिकार नहीं है.
‘मेरे बारे में कुछ चौंकाने वाले और पूरी तरह से अनुचित तथ्य शामिल’
बसपा सांसद ने बिरला को लिखे पत्र में कहा, “मैंने देखा है कि आचार समिति की हालिया रिपोर्ट ‘धन के बदले प्रश्न’ में मेरे बारे में कुछ चौंकाने वाले और पूरी तरह से अनुचित तथ्य शामिल हैं. मैं आपका ध्यान इस तथ्य की ओर आकर्षित करना चाहूंगा कि रिपोर्ट में एक पूरा पैराग्राफ है जिसमें कथित तौर पर बैठकों के दौरान मेरे आचरण का जिक्र है….”
उन्होंने कहा, “तथ्य की दृष्टि से और कानून के अनुसार यह आपत्तिजनक पैराग्राफ डालना समिति के माननीय अध्यक्ष के अधिकार क्षेत्र से पूरी तरह बाहर है.” उन्होंने मांग की कि रिपोर्ट को सदन में पेश किए जाने से पहले उनसे संबंधित पैराग्राफ को इससे हटाया जाए.
बिरला को लिखे अपने पत्र को ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए अली ने कहा, “धन के बदले प्रश्न से जुड़े आरोपों की जांच करते समय लोकसभा आचार समिति बैठक के दौरान मेरी आपत्तियों पर टिप्पणी करने के लिए अपनी सीमा से परे चली गयी. ऐसा लगता है कि मुझे निशाना बनाकर यह संदेश दिया जा रहा है कि किसी भी सदस्य को सत्ता पक्ष के खिलाफ नहीं बोलना चाहिए. यह विपक्ष की आवाज का गला घोंटने जैसा है