ऋषिकेश । प्राकृतिक आपदा के दौरान प्रभावित क्षेत्रों में जल भराव की समस्याओं का समाधान न किए जाने को महापौर ने नगर निगम के अधिकारियों के सिर पर ठीकरा फोड़ा और उन्हें तत्काल समस्या का समाधान किए जाने के लिए निर्देशित किया। इस बीच गंगानगर क्षेत्र में जल भराव से पीड़ितों ने सैकड़ों की संख्या में बैठक के बीच पहुंचकर हंगामा भी काटा ,जो समस्या के समाधान किए जाने तक हंगामा करते रहे।
शनिवार को नगर निगम सभागार में महापौर अनीता ममगांई की अध्यक्षता में आपदा समीक्षा बैठक में तहसील प्रशासन, निगम प्रशासन, लोक निर्माण विभाग, सिंचाई विभाग, जल संस्थान सीवर सभी विभाग के अधिकारी मौजूद थे। महापौर ने कहा कि नगर निगम बोर्ड का 3 माह का समय शेष है, जिसके अंतिम 1 घंटे पहले तक सभी जनता को दिए गए कार्यों को पूरा किए जाने के आश्वासनों पर खरा उतरना है।वे इन्हें कार्यकाल समाप्ति के अंतिम 1 घंटे तक अधिकारियों का कान पकड़ करवाएंगी। उन्होंने कहा कि आज बारिश के कारण हुए पूरे क्षेत्र में जल भराव और आपदा की स्थिति पैदा हो गई है, जिसमें लोगों के मकान भी गिर रहे हैं।
इसमें अधिकारियों की काफी लापरवाही कर रहे हैं ,जो जनता के हित में नहीं है। उन्होंने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि जब अधिकारी जी-20 के दौरान विदेश से आने वाले मेहमानों की मेहमान नवाजी के लिए शहर को सुंदर बना सकते हैं, तो आपदा जैसी स्थिति में कार्य क्यों नहीं हो रहे हैं। नगर निगम महापौर और सभासदों ने पिछले दिनों पूरे 40 वार्डों में 20-20 लाख के होने वाले कार्यों की जानकारी भी प्राप्त की। उनका कहना था कि यदि इस स्वीकृत लागत से सभी वार्डों में कार्य हो जाते तो जल भराव की स्थिति पैदा ना होती।
इस दौरान उप जिलाधिकारी योगेश मेहरा ने कहा कि उन्होंने अभी हाल ही में ऋषिकेश का कार्यभार संभाला है। इस दौरान उन्होंने 15 वार्डों में आपदा संबंधी कार्यों की समीक्षा की है।जहां आवश्यकता अनुसार राशन भी वितरित किया गया है, लेकिन नगर निगम से आपदा संबंधित कोई भी एस्टीमेट प्राप्त नहीं हुआ है। आपदा के दौरान यदि किसी को राहत राशि नहीं प्राप्त हुई है, तो वह उन्हें सूची उपलब्ध करा दें।
निगम के नगर आयुक्त राहुल गोयल ने कहा कि आपदा के दौरान पूरे क्षेत्र का निरीक्षण कर लिया गया है। तत्काल एस्टीमेट बनाकर निर्माण कार्यों के साथ रहात पहुंचाए जाने का कार्य किया जाएगा।
इस बीच गंगानगर के निगम पार्षद बृजपाल राणा के नेतृत्व में जल भराव की समस्या को लेकर सैकड़ो की संख्या में लोग बैठक में पहुंच गए ,जिन्होंने नारेबाजी करते हुए निगम के अधिकारियों और पार्षदों के विरुद्ध नारेबाजी शुरू कर दी, जो अधिकारियों के आश्वासन के बाद ही वापस लौटे।