नई दिल्ली। महिलाओं में पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम हॉर्मोन से जुड़ा एक विकार है, जिसकी वजह से उनमें पुरुष हॉर्मोन बढ़ जाता है। पूरी दुनिया में इससे प्रभावित महिलाओं की संख्या काफी ज्यादा है। यह एक जटिल समस्या है, जिसके व्यापक रूप से लक्षण सामने आ सकते हैं, लेकिन इसे सबसे ज्यादा ओवरी में होने वाली छोटी-छोटी गांठों के रूप में परिभाषित किया जाता है। यह जानना जरूरी है कि पीसीओएस से पीड़ित हर महिला को ये गांठें होती हैं और इसमें लक्षणों की गंभीरता अलग-अलग महिलाआं मे भिन्न हो सकती है।
30 की उम्र के बाद कैसे अपनी प्रजनन क्षमता को बेहतर बना सकते हैं?
अपने रूटीन में कुछ जरूरी बदलाव और डॉक्टर द्वारा सुझाए गए उपचार के उपाय अपनाने से काफी हद तक प्रजन क्षमता बेहतर हो सकती है और पीसीओएस के साथ भी गर्भधारणा की संभावना बढ़ सकती है। इन उपायों में शामिल है:-
ओव्यूलेशन पीरियड पर निगरानी रखें
गर्भधारण की संभावना को बढ़ाने के लिए अपने ओव्यूलेशन पीरियड पर लगातार नजर रखना जरूरी होता है। अगर आपको इसके बारे में जानकारी नहीं, तो अपने डॉक्टर से इस बारे में जानकारी हासिल करने की कोशिश करें।
हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं
पीसीओएस से पीड़ित महिलाओं में प्रजनन क्षमता को बेहतर बनाने के लिए एक सेहतमंद जिंदगी जीना बेहद जरूरी है। एक सेहतमंद वजन बनाए रखने के अलावा, नियमित रूप से सक्रिय रहना और कम कैलोरी वाला पीसीओएस डाइट लेना, अच्छी नींद को महत्व देना, तनाव को नियंत्रित रखना और धूम्रपान तथा अत्यधिक शराब पीने जैसी बुरी लतों को छोड़ने को महत्व दें।
समय पर डॉक्टर से कंसल्ट करें
समय पर उपचार लेने से पीसीओएस के साथ, गर्भधारण की संभावना काफी हद तक बढ़ाई जा सकती है। आपके लक्षणों और जरूरतों को ध्यान में रखते हुए एक्सपर्ट्स एक बेहतर प्लानिंग तैयार कर सकते हैं, जो आपके लिए मददगार हो सकती है।
पॉजिटिव रहें और धैर्य रखें
माता-पिता बनने का यह सफर इमोशनली थोड़ा मुश्किल हो सकता है, खासकर पीसीओएस के सिचुएशन में। ऐसे में परेशान होकर, हर वक्त नेगेटिव सोचते रहने से स्थिति और खराब हो सकती है। बेशक इसे डील करना इतना आसान नहीं होता, लेकिन पॉजिटिव और आशावादी सोच रखकर सफर को थोड़ा आसान जरूर बनाया जा सकता है।
ट्रीटमेंट के अन्य ऑप्शन्स कर सकती हैं ट्राई
वैसे तो पीसीओएस के लिए अल्टरेनेटिव थैरेपीज के कोई पुख्ता उपाय नहीं हैं, लेकिन कुछ महिलाओं को एक्यूपंचर, हर्बल दवाओं और योगा से काफी राहत महसूस होती है, लेकिन कुछ भी नया शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर से इस बारे में बात करें। वो आपको बेहतर सुझाव दे पाएंगे।