छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में मनरेगा लोकपाल ने स्टॉप डैम निर्माण कार्य में मनरेगा नियमों का पालन नहीं करने वाले तत्कालीन कार्यपालन अभियंता पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। ये जुर्माना आरटीआई कार्यकर्ता व अधिवक्ता की शिकायत पर लगाया गया है।
मामला जनपद पंचायत बलरामपुर के अंतर्गत ग्राम अटौरी में बोड़ा नाला और जूना पारा में स्टॉप डैम निर्माण कार्य से जुड़ा हुआ है। ये निर्माण कार्य राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत जिला पंचायत सरगुजा द्वारा कराए जा रहे थे। निर्माण कार्य 6 महीने के अंदर पूरा करना था, लेकिन इसमें मनरेगा नियमों का पालन नहीं किया गया।
जांच के दौरान मनरेगा नियमों में अनियमिता पाई गई
वहीं मनरेगा नियमों का पालन नहीं होने के बाद इस मामले की शिकायत लोकपाल बलरामपुर के समक्ष अधिवक्ता व आरटीआई कार्यकर्ता डीके सोनी के द्वारा की गई। हालांकि लोकपाल बलरामपुर के द्वारा डीके सोनी का आवेदन निरस्त कर दिया गया, जिसके बाद डीके सोनी ने दोनों मामलों में रायपुर के लोकपाल के समक्ष अपील की।
लगाया गया जुर्माना
लोकपाल अपील अधिकारी ने डीके सोनी के इस अपील को स्वीकार कर जांच के आदेश दिए। वहीं जांच के दौरान दोनों कार्यों में भारी अनियमिता पाई गई, जिसके बाद लोकपाल ने तत्कालीन कार्यपालन अभियंता जल सदन क्रमांक 2 रामानुजनगंज से 5-5 लाख यानी कुल 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया। साथ ही ये राशि एक महीने के अंदर जमा नहीं करने पर कार्यपालन अभियंता के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की भी अनुशंसा की गई है।
लापरवाही करने वाले अभियंता पर होगा जुर्माना
मुख्य कार्यकारी अधिकारी लक्ष्मीकांत बालोत ने बताया कि पंचायत समिति वैर में कनिष्ठ तकनीकी सहायक दिलीप सिंह, बृजेन्द्र शर्मा, हरवीर सिंह, बृजमोहन पुष्प, विकास कुमार, होरी लाल, राजेन्द्र सिंह, जगदीश एवं लेखा सहायक कृपाल सिंह एवं सौजन्य तथा पंचायत समिति पहाडी़ में कनिष्ठ तकनीकी सहायक एमडी खान, सुनील गुप्ता, गजेंद्र पटेल, राजेन्द्र सिंह सहायक अभियंता जल संसाधन विभाग एवं लेखा सहायक मनीष कटारा, भूदेव शर्मा एवं तेजसिंह द्वारा मस्टररोल में माप एवं भुगतान की कार्यवाही नहीं करने एवं निर्धारित अवधि में मस्टररोल प्रस्तुत नहीं करने पर क्षतिपूर्ति मुआवजा राशि तय की गई है। उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने महात्मा गांधी नरेगा योजना में हो रही लापरवाही के मामलों में सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।