कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 21 जुलाई के पहले खास संदेश दिया है। उन्होंने इसे बंगाल के इतिहास में एक महत्वपूर्ण और खून से सना दिन बताया है। 1993 में, इस दिन सीपीआई(एम) के दमनकारी शासन के तहत 13 निर्दोष लोगों की हत्या कर दी गई थी। ममता बनर्जी ने अपने ट्वीट में इस दिन को याद करते हुए कहा कि उन्होंने इस संघर्ष में 13 लोगों को खो दिया था।
ममता बनर्जी ने शनिवार को माइक्रोब्लॉगिंग साइट पर कहा, “21 जुलाई बंगाल की सार्वजनिक संस्कृति का अभिन्न हिस्सा बन गया है। हम हर साल इस दिन को ‘मा-माटी-मानुष दिवस’ के रूप में मनाते हैं और अपने लोकतांत्रिक चुनावी जीत को पश्चिम बंगाल की जनता को समर्पित करते हैं।”
ममता बनर्जी ने इस दिन को शहीद दिवस के रूप में याद करते हुए सभी को एस्प्लेनेड में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने का निमंत्रण दिया। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इस साल भी, हर साल की तरह, यह सामूहिक श्रद्धांजलि सभा शहीदों की स्मृति में अर्थपूर्ण होगी।
ममता बनर्जी ने अपनी कविता में लिखा:
“21 जुलाई खून और आंसुओं से भीगा हुआ है। शहीदों की याद में श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।”
ममता ने कहा कि हम हर साल इस ऐतिहासिक दिन पर उन वीर शहीदों को प्रेम और सम्मान के साथ याद करते हैं, जिन्होंने हमारे देश और साथी मनुष्यों के लिए अपने प्राणों की आहुति दी।