बाँदा| स्थानीय महेश्वरी देवी मंदिर में माहेश्वरी समाज द्वारा अपना वंशोत्पत्ति दिवस मनाया गया।मुख्य अतिथि नगर मजिस्ट्रेट का स्वागत करते हुए समाज के संरक्षक प्रेमचंद सांवल ने उन्हें राजस्थानी पगड़ी पहनाई।कार्यक्रम का शुभारंभ नगर मजिस्ट्रेट संदीप केला एवं श्रीमती भावना केला द्वारा किया गया।हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी माहेश्वरी समाज द्वारा अपना वंशोत्पत्ति दिवस धूमधाम से मनाया गया।मान्यता है,कि राजस्थान के जैसलमेर क्षेत्र में एक क्षत्रिय कुनबा रहता था।एक बार वहाँ महामारी फैली और लोग मरने लगे उसी समय एक ऋषि का आगमन हुआ, उन्होंने उस पूरे कुनबे को सलाह दी,कि आप भगवान शिवजी की उपासना करें।सभी ने भगवान शिव की आराधना की तब भगवान शिव ने ज्येष्ठ शुक्ल नवमी को प्रकट होकर उसे पूरे कुनबे को अपना आशीर्वाद देते हुए अपना नाम माहेश्वरी प्रदान किया और कहा आप जो भी व्यवसाय करोगे उसमें सफलता मिलेगी।तब से ज्येष्ठ शुक्ल नवमी को महेश नवमी और माहेश्वरी वंशोत्पत्ति दिवस के रूप में समाज द्वारा मनाया जाता है।
तभी से यह प्रथा चली आ रही है,इसमें भारत ही नहीं अपितु विश्व में जहां-जहां भी माहेश्वरी परिवार हैं,वो तरह-तरह के कार्यक्रम कर भगवान शिव की स्तुति करते हैं।आज भी माहेश्वरी समाज का सबसे बड़ा तीर्थ राजस्थान में लोहार्गल धाम के नाम से प्रसिद्ध है।जहाँ पर हर माहेश्वरी परिवार की इच्छा रहती है,कि एक बार वहां पवित्र तीर्थ का दर्शन अवश्य करें।इसी क्रम में माहेश्वरी समाज के प्रमुख अध्यक्ष सजल कुमार रेन्डर द्वारा स्थानीय महेश्वरी देवी मंदिर में एक कार्यक्रम रखा गया,जिसमें सिटी मजिस्ट्रेट संदीप केला,प्रेमचंद सांव,अवधेश माहेश्वरी,विक्रम माहेश्वरी और शुभम माहेश्वरी,भावना केला, विनीता माहेश्वरी,सुशीला रेंडर,चांदनी माहेश्वरी,हिमांशी आदि ने भागीदारी करते हुए शिव मंदिर में स्तुति, उपासना और प्रार्थना की।इसके पश्चात मंदिर प्रांगण में सुंदरकांड के पाठ का आयोजन किया गया।जिसमें मुख्य रूप से संत कुमार गुप्ता,अंकित कुशवाहा,राम प्रकाश याज्ञिक,रामरूप एडवोकेट,राम किशुन,शशांक शुक्ला, रामजी गुप्ता,शामले प्रसाद गुप्ता आदि ने सक्रिय भूमिका निभाई।इसके बाद भंडारा आयोजित हुआ,जिसका शुभारंभ सिटी मजिस्ट्रेट संदीप केला, सजल कुमार रेन्डर द्वारा कन्याओं को भोजन वितरित कर किया गया।इसमें समाज के सभी लोगों ने भागीदारी की। कार्यक्रम के अंत में मंदिर प्रबंधन कमेटी की तरफ से मयंक श्रीवास्तव ने नगर मजिस्ट्रेट को स्मृति चिन्ह भेंट किया।अवधेश माहेश्वरी द्वारा मंदिर प्रबंधन कमेटी को उनके सहयोग के लिए स्मृति चिन्ह प्रदान किया गया।
शुभम महेश्वरी ने आए हुए सभी अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए आभार प्रकट किया एवं शांति पाठ के साथ इस कार्यक्रम को समाप्त किया गया।