प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने प्रेस वार्ता के माध्यम से बताया कि बीते दिनों कलकत्ता हाई कोर्ट ने 2010 के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के द्वारा एक विशेष वर्ग को खुश करने के लिए ज़ारी किए गये ओबीसी के प्रमाण पत्रों को खारिज करते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की तुष्टिकरण की राजनीति को बहुत बड़ा झटका दिया है ।कोलकाता हाई कोर्ट का यह निर्णय स्वागत योग्य है माननीय न्यायालय का निर्णय इन्डी गठबंधन की तुष्टिकरण की नीतियों पर करारा तमाचा है।
इस निर्णय के बाद देश भर में इस विषय पर बहस होनी चाहिए कि जहां-जहां संविधान पर छेड़छाड़ कर धर्म और तुष्टीकरण के कारण आरक्षण की लूट हुई है उसकी समीक्षा होनी चाहिए। पश्चिम बंगाल सरकार ने नियमों को ताक पर रखकर 118 मुस्लिम समाज की जातियों को ओबीसी बनाने का काम किया और ओबीसी पिछड़ों का आरक्षण गलत तरीके से लाभ देकर संविधान की मूल भावना के साथ खिलवाड़ किया है। यह निर्णय इस बात को सिद्ध करने के लिए पर्याप्त है कि इन्डी गठबंधन की सरकारें संविधान को नहीं मानती ।आरक्षण की लूट कर वह उसका फायदा तुष्टीकरण के अभियान के तहत मुसलमान को देना चाहतें हैं । कोलकाता हाई कोर्ट द्वारा सन् 2010 के बाद सभी ओबीसी प्रमाण पत्र रद्द किए जाने से भविष्य में इसका लाभ वंचित समाज गरीबों को मिलेगा ।यह एक शुरुआत है । इसकी समीक्षा की आवश्यकता है और जहां भी हो यह करना चाहिए।
भारतीय संविधान के साथ विश्वास घात किसी भी सूरत में हम भाजपा के लोग नहीं होने देंगे। अदालत के इस निर्णय को लागू करवाने के लिए हम सब लोग मिलकर भरसक प्रयास करेंगे ।इन्डी गठबंधन के सभी घटक दल इस मानसिकता पर काम कर रहे हैं और वे दलित ओबीसी और आदिवासियों का हक छीन कर मुसलमान को देना चाहते हैं । भारतीय जनता पार्टी दलित ओबीसी और आदिवासियों के अधिकार पर डाका नहीं डालने देगी। अदालत के इस निर्णय के बाद इन्डी गठबंधन के नेताओं के बयान और ज्यादा शर्मनाक है। ममता बनर्जी कह रही हैं कि वह अदालत के इस निर्णय को नहीं मानेंगीं ।उनकी भाषा बता रही है कि वह संविधान से नहीं बल्कि तुष्टिकरण की नीति से अपनी सरकार चल रही है ।
इस विषय पर कांग्रेस के नेताओं के बयान भी चिंता जनक है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट किया है कि इस तरह से आरक्षण की लूट बंद होनी चाहिए ।राष्ट्रीय ओबीसी आयोग जिसे मोदी सरकार ने ही संवैधानिक दर्जा दिया है वह भी विभिन्न राज्यों की सरकारों की इन्हीं नीतियों का विरोध कर चुकी है ओबीसी आयोग के मुताबिक धार्मिक आधार पर आरक्षण संविधान की मूल भावना के खिलाफ है और इस संबंध में कई राज्य सरकारों को नोटिस जारी किए गए हैं ।4 जून को मोदी सरकार बनने के बाद सरकार और आवश्यक कार्रवाई करेंगी ।मेरा सभी देशवासियों से अपील है कि विपक्षीयों की इस साजिश को समझें और इस आधार पर अपने वोट की ताकत के आधार पर इन सभी दलों का बहिष्कार करें ।
समाज विरोधी संविधान विरोधी और तुष्टीकरण कर आरक्षण पर डाका डालने वाले इन्डी गठबंधन के दल विपक्ष में भी बैठने के अधिकारी नहीं है ।जिस प्रकार से माननीय कोलकाता हाई कोर्ट ने इस सरकार के इस निर्णय को रद्द करने का काम किया है वह निश्चित रूप से जो इन्डी गठबंधन की पिछड़ों दलितों आदिवासियों के आरक्षण को काटकर मुसलमान को देने की जो उनकी मन्सा है उसे रोकने का काम किया है मैं अपनी ओर से और देशवासियों की ओर से माननीय न्यायालय का अभिनंदन करता हूं।
इस अवसर पर जिलाध्यक्ष श्रीकृष्ण पाल जिला प्रभारी अशोक सिंह, जिला उपाध्यक्ष ब्रजेश यादव, जिला मीडिया प्रभारी विवेक निषाद, जिला सहायक मीडिया प्रभारी अवनीश चतुर्वेदी मौजूद रहे।