घर में कीमती सामान, गहने रखना सुरक्षित नहीं, यही सोचकर लोग बैंक लॉकर में अपनी बहुमूल्य चीजें रखते हैं. लेकिन अगर इन लॉकर में भी चोरी हो जाए तो लोग क्या करें. लखनऊ की एक घटना शनिवार रात ही से पूरे देश में सुर्खियों में है.
उत्तर प्रदेश की राजधानी के चिनहट इलाके में चोर इंडियन ओवरसीज बैंक की एक ब्रांच में दीवार काटकर अंदर घुसे और फिर 42 लॉकर काट डाले. चोर करोड़ों के जेवर और बहुमूल्य चीजें चपत कर गए. अब इस मामले की जांच उत्तर प्रदेश की एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) कर रही है.
लेकिन सवाल है कि बैंक लॉकर में रखे हुए अगर आपके गहने चोरी हो जाएं तो क्या उसकी कीमत मिलती है? मिलती है अगर तो कितनी? इस बारे में नियम क्या कहते हैं?
लॉकर का एक किराया देना होता है
ज्यादातर बैंक कीमती सामान या फिर गहने वगैरा रखने के लिए लॉकर उपलब्ध कराते हैं. ये बैंकों के सभी शाखाओं में नहीं होता. वे इसे कुछ ही शाखाओं पर सुरक्षा कारणों से मुहैया कराते हैं.
जहां लोग अपने सामान रखते हैं और उस लॉकर का एक निश्चित किराया हर साल बैंक को चुकाते हैं. लॉकर का किराया कितना होगा, ये इस पर निर्भर करता है कि लॉकर कितना बड़ा है, साथ ही, बैंक का लॉकर वाला ब्रांच किस जगह पर है.
एग्रीमेंट में लिखी होती हैं सारी बातें
वित्तीय वर्ष की शुरूआत ही में बैंक लॉकर का किराया लोगों से वसूल लेते हैं. लोगों को भी इस बात की जानकारी हो कि लॉकर रखने के लिहाज से उनके पास किस तरह के अधिकार और जिम्मेदारियां है, एक लॉकर एग्रीमेंट भी बनता है.
इस एग्रीमेंट पर बैंक और कस्टमर दोनों के हस्ताक्षर होते हैं. पिछले साल ही आरबीआई (रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया) ने एक नया लॉकर एग्रीमेंट जारी करने को कहा था, जो बैंकों ने जारी किया भी था. अब आते हैं मूल सवाल पर कि चोरी के मामलों में बैंक कितना पैसा देते हैं?
चोरी हुई तो बैंक कितने पैसे देगा?
नियमों के मुताबिक, लापरवाही की वजह से लॉकर में रखी गई किसी भी चीज के साथ होने वाले नुकसान का बैंक जवाबदेह होता है. उससे ये उम्मीद की जाती है कि वह अपने लॉकर के रखरखाव और संचालन में उचित सावधानी बरतेगा.
इन सब के बावजूद अगर लॉकर वाले बैंक में आगजनी, चोरी, सेंधमारी, डकैती, इमारत ढहने के मामले होते हैं तो बैंक को मुआवजा देना पड़ता है. अब सवाल है कितना.
तो जो भी लॉकर का किराया होता है, बैंक उसका सौ गुना पैसा लोगों को अदा करता है. चाहें लॉकर में इस से अधिक की संपत्ति हो या फिर कम की. मिसाल के तौर पर अगर आपके लॉकर का रेंट 1 हजार रूपये है तो बैंक 1 लाख रूपये आपकी चोरी हुई संपत्ति के बदले में देगा.
यहीं ये भी ध्यान रहे कि अगर प्राकृतिक आपदा, आतंकवादी हमला, दंगे ये फिर शहर में विरोध-प्रदर्शन के दौरान लॉकर को कोई नुकसान होता है तो बैंक मुआवजा नहीं देता. एक चीज और, लॉकर की चीजों का इंश्योरेंस नहीं होता.
लॉकर में आप ज्वेलरी, जरूरी कागजात, बर्थ और मैरिज सर्टिफिकेट्स, लोन, इंश्योरेंस पॉलिसी के पेपर रख सकते हैं. मगर नोट, दवाएं, हथियार, विस्फोटक, सड़ने वाली चीजें, जहरीला सामान नहीं रख सकते.