- इंडिया गठबंधन के आरके चौधरी के लड़ने से चुनाव बना रोचक
लखनऊ। इस बार सबकी निगाहें राजधानी लखनऊ की मोहनलालगंज संसदीय सीट पर टिकी है। क्योंकि इस सीट पर मोदी सरकार के मंत्री की साख दांव पर लगी है। इस सीट पर बीजेपी के मुकाबले में बसपा राजेश कुमार उर्फ़ मनोज प्रधान व इंडिया गठबंधन के संयुक्त उम्मीदवार आरके चौधरी हैं। इस वजह से मोहनलालगंज सीट पर कांटे की टक्कर देखने को मिल सकती है।कांग्रेस का वोटर सपा में शिफ्ट हो चुका है। बीजेपी उम्मीदवार कौशल किशोर पिछले दो चुनाव से जीतते आ रहे हैं। लेकिन इस बार की फाइट बड़ी कठिन होने वाली है। मोहनलालगंज सीट का ज्यादातर इलाका ग्रामीण है इसलिए सरकार की जनकल्याण योजनाओं का लाभ असरदार होगा। खासकर फ्री राशन का।वहीं बसपा को सिर्फ अपने परम्परागत वोटों का ही फायदा होगा। लेकिन यहां बीजेपी और इंडिया गठबंधन के उम्मीदवारों में कांटे की टक्कर देखने को मिल सकती है।शहरी इलाकों में राम मंदिर का असर रहेगा। इसलिए इस लड़ाई में बीजेपी सपा की अपेक्षा ज्यादा मजबूत है।इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार आरके चौधरी को लोग पहचानते हैं और सपा का इस सीट पर अपना मजबूत वोट बैंक भी है।पिछली बार भी सपा के हारने के बाद भी उसे ठीकठाक वोट मिले थे। आरके चौधरी के आने से लड़ाई रोचक जरूर बन गई है।आरके चौधरी एक बड़े नेता है, उनकी अपनी एक पहचान है। सपा मजबूत स्थिति में जरूर है,और उसका यहां एक तगड़ा वोट बैंक भी है। उसके बावजूद भी सपा मोदी लहर के चलते यहां जीत दर्ज करने की स्थिति में नहीं है।और कौशल किशोर भी मोदी लहर में अपनी नैया पार करने में लगे हैं।
बीजेपी के कौशल किशोर और इंडिया गठबंधन के आरके चौधरी में होगा मुकाबला
80 लोकसभा सीट वाले उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में दो लोकसभा सीटें है। लखनऊ लोकसभा सीट और मोहनलालगंज लोकसभा सीट। इन पर 20 मई को वोटिंग होनी है। बीजेपी ने मोहनलालगंज सीट से कौशल किशोर को तीसरी बार चुनावी मैदान में उतारा है।यहां इंडिया गठबंधन के आरके चौधरी से उनका कड़ा मुकाबला होगा। बता दें कि आरके चौधरी समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता हैं। वह पूर्व कैबिनेट मंत्री भी रह चुके हैं। इस बार समाजवादी पार्टी ने लोकसभा चुनाव में आरके चौधरी पर भरोसा दिखाया है। सपा चीफ अखिलेश ने खुद इनके नाम का ऐलान किया है। बताया जाता है कि आरके चौधरी सपा चीफ अखिलेश यादव के करीबी रहे हैं।
मोहनलालगंज सीट पर सपा-बीजेपी ने 4-4 बार जीता चुनाव
मोहनलालगंज सीट पर 15 बार लोकसभा चुनाव हो चुके हैं। 1962 में पहली बार कांग्रेस ने चुनाव जीता था, कांग्रेस सबसे ज्यादा 5 बार चुनाव जीत चुकी है, लेकिन अब बीते 40 साल से जीत के लिए तरस रही है। बीजेपी और सपा ने 4-4 बार चुनाव जीता है। 1991 में लखनऊ लोकसभा सीट और मोहनलालगंज सीट पर बीजेपी ने एक साथ खाता खोला था। बीजेपी के छोटेलाल ने 1991 में चुनाव जीता था। 1998 में सपा ने पहली बार जीत दर्ज की थी। इस सीट से जनता दल और जनता पार्टी के उम्मीदवार 1-1 बार चुनाव जीत चुके हैं। बीजेपी उम्मीदवार कौशल किशोर कांग्रेस सांसद गीता देवी की बराबरी करने के लिए जीत की हैट्रिक लगाने का हर संभव प्रयास कर रहे हैं। इसमें सिधौली, मोहनलालगंज, मलिहाबाद, बख्शी तालाब और सरोजनीनगर विधानसभा सीट शामिल हैं। इन सभी विधानसभा सीटों पर बीजेपी का कब्जा है।
सबसे अधिक महिलाओं ने रचा इतिहास
मोहनलालगंज लोकसभा सीट पर 1962 से लोकसभा चुनाव हो रहे हैं।वहीं इस सीट की खासियत यह है, कि अधिकांश ग्रामीण इलाकों वाली मोहनलालगंज सीट पर अब तक आठ बार महिलाओं ने जीत हासिल की है। कांग्रेस, भाजपा और सपा के कोटे से ज्यादातर महिलाएं मोहनलालगंज से चुनकर संसद तक पहुंची हैं।
कौन कब जीता
1962 – गंगा देवी – कांग्रेस
1967 – गंगा देवी – कांग्रेस
1971 – गंगा देवी – कांग्रेस
1977 – राम लाल कुरील – बीएलडी
1980 – कैलाश पति – कांग्रेस
1984 – जगनंनाथ प्रसाद – कांग्रेस
1989 – सरजू पंसाद सरोज – जनता दल
1991 – छोटे लाल – भाजपा
1996 – पूर्णिमा वर्मा – भाजपा
1998 – रीना चौधरी – सपा
1999 – रीना चौधरी – सपा
2004 – जय प्रकास – सपा
2009 – सुशीला सरोज – सपा
2014 – कौशल किशोर – भाजपा
2019 – कौशल किशोर – भाजपा