नई दिल्ली। क्या लोकसभा चुनाव 2024 से पहले भारतीय जनता पार्टी और बीजू जनता दल गठबंधन करने जा रही है? पिछले कुछ दिनों से सियासी गलियारों में यह सवाल घूम रहा है।
बुधवार को ओडिशा इकाई के भाजपा नेताओं ने अमित शाह और जेपी नड्डा के साथ दिल्ली में मुलाकात की तो इसी दिन बीजेडी नेताओं ने सीएम नवीन पटनायक के आवास पर बैठक की। गृह मंत्री अमित शाह के दौरे के दौरान दोनों दलों के बीच गठबंधन को औपचारिक रूप से घोषित किया जा सकता है।
तो 15 साल बाद एक बार फिर दोनों दल मिलाएंगे हाथ?
बीजेडी उपाध्यक्ष और विधायक देबी प्रसाद मिश्रा ने तो बीजेपी के साथ संभावित गठबंधन की बात भी कही है। पीएम मोदी ने हाल ही में अपने ओडिशा दौरे के दौरान कुछ ऐसे संकेत दिए जिससे यह लगने लगा है कि 15 साल बाद एक बार फिर दोनों दल हाथ मिलाने वाले हैं। दरअसल, ओडिशा में पीएम मोदी ने नवीन पटनायक सरकार के खिलाफ कुछ नहीं कहा वहीं, पीएम ने कई मौकों पर नवीन पटनायक की प्रशंसा भी की।
गौरतलब है कि अभी तक गठबंधन की कोई औपचारिक एलान नहीं हुई है। सवाल, यह भी है कि अगर दोनों दलों के बीच गठबंधन हो जाती है तो सीट शेयरिंग को लेकर राज्य में क्या समीकरण होगी। क्या कहीं सीट शेयरिंग को लेकर दोनों दलों की बीच पेंच तो नहीं फंस जाएगा।
लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 14 सीटें की मांग की
ओडिशा में 21 लोकसभा सीटें हैं। वर्तमान में बीजद के पास 12, भाजपा के पास आठ और कांग्रेस के खाते में एक सीट है। गठबंधन की स्थिति में भाजपा पांच-छह सीटें ज्यादा चाहेगी और बदले में विधानसभा में कुछ ज्यादा सीटें दे सकती है। बताते हैं कि फिलहाल भाजपा लोकसभा की 14 सीटें चाहती है और बीजद को सात सीटें देना चाहती है।
विधानसभा चुनाव को लेकर बीजद का ये है शर्त
बदले में विधानसभा चुनाव के दौरान बीजद को 95-97 सीटें देने का प्रस्ताव है। ऐसे में भाजपा के पास 50-52 सीटें बचेंगी। बीजद ज्यादा हिस्सेदारी चाहता है क्योंकि वर्तमान में दोनों सदनों में उसकी संख्या इससे अधिक है। बताते हैं कि बीजद 102 से ज्यादा विधानसभा सीटें चाहता है।