कोलकाता। विश्व भारती विश्वविद्यालय ने बुधवार को कहा कि शांतिनिकेतन को संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) के विश्व धरोहर स्थल का दर्जा दर्शाने वाली जिस पट्टिका पर विवाद हुआ है, वह इस स्थल को चिह्नित करने के लिए सिर्फ एक अस्थायी पट्टिका है। केंद्रीय विश्वविद्यालय के विशाल परिसर में विभिन्न स्थानों पर स्थापित पट्टिका पर विश्वविद्यालय के पदेन कुलाधिपति प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और कुलपति विद्युत चक्रवर्ती के नाम उल्लिखित हैं, लेकिन गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर का कोई उल्लेख नहीं है, जिन्होंने विश्वविद्यालय की स्थापना की थी।
इस मामले पर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के राज्यसभा सदस्य जवाहर सरकार ने पूर्व में कहा था, ”यूनेस्को ने विशेष रूप से कहा है कि वे शांतिनिकेतन को विश्व धरोहर स्थल घोषित कर रवींद्रनाथ टैगोर और उनकी अद्वितीय विरासत का सम्मान कर रहे हैं। ऐसा लगता है कि अहंकार में उन्मादी कुलपति और उनके बॉस को प्रतीत होता है कि यूनेस्को उन्हीं (दोनों का) सम्मान कर रहा है!!”
विश्व भारती में रहने वाले और वामपंथ की ओर झुकाव रखने वाले छात्र कार्यकर्ताओं के एक वर्ग ने भी इस कदम पर आपत्ति जताई थी। विश्व भारती की प्रवक्ता महुआ बंद्योपाध्याय ने संपर्क करने पर ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ”यह धरोहर स्थल को चिन्हित करने के लिए बनाई गई पूरी तरह से एक अस्थायी संरचना है।” उन्होंने कहा कि यूनेस्को (पट्टिका पर) अंकित की जाने वाली सामग्री (टेक्स्ट) उपलब्ध कराएगा, उसके बाद उसे उकेरा जाएगा।
विश्वविद्यालय के एक वरिष्ठ शिक्षक ने कहा कि शांतिनिकेतन को यूनेस्को की ओर से 17 सितंबर को विश्व धरोहर स्थल के रूप में मंजूरी दिये जाने जाने के बाद इस केंद्रीय उच्च शिक्षण संस्थान के परिसर में ऐसी तीन पट्टिकाएं लगाई गई थीं। यूनेस्को ने शांतिनिकेतन की स्थापना के लिए ‘प्रसिद्ध कवि और दार्शनिक रवींद्रनाथ टैगोर’ को श्रेय दिया है जो 20वीं शताब्दी की शुरुआत के ब्रिटिश वास्तुशिल्प और यूरोपीय आधुनिकतावाद से अलग है।
शिक्षण स्टाफ के एक संगठन, विश्व भारती यूनिवर्सिटी फैकल्टी एसोसिएशन (वीबीयूएफए) ने प्रधानमंत्री और पदेन कुलाधिपति नरेन्द्र मोदी, विजिटर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और राज्यपाल सीवी आनंद बोस को पत्र (ईमेल) भेजकर, ”टैगोर को छोड़कर अन्य नामों का उल्लेख करने के कृत्य को गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर का अपमान” बताया। पत्र में कहा गया, “यह आपका ध्यान आकर्षित करने के लिए है कि कुलपति विद्युत चक्रवर्ती ने शांतिनिकेतन में धरोहर स्थल पर कई पट्टिकाएं लगाई हैं जिस पर ‘यूनेस्को अंकित विश्व धरोहर स्थल’ लिखा है।
वहीं, इसके नीचे कुलाधिपति के तौर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और कुलपति के तौर पर विद्युत चक्रवर्ती का नाम दिया गया है।” ”हम हैरान और अचंभित हैं कि इसमें गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर का नाम नहीं है जिन्होंने विश्व भारती की स्थापना की थी।” पत्र को केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को भी भेजा गया है।
वहीं, इसमें कुलपति के खिलाफ सख्त कदम उठाने की मांग की गई है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की पश्चिम बंगाल इकाई के प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने पूर्व में कहा था, “जवाहर सरकार जैसे लोग अनावश्यक रूप से विवाद पैदा करने के लिए सोशल मीडिया पर ऐसे मुद्दों को उछाल रहे हैं जिससे वे राज्यसभा सदस्य के रूप में मैदान में उतरने के बाद दल में अपनी स्थिति मजबूत कर सकें