ऋण के नाम पर किसानों से हो रही हैं अवैध वसूली भाकियू के जिला अध्यक्ष ने प्रमुख सचिव को भेजा पत्र

पीलीभीत। भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक के जिला अध्यक्ष मंजीत सिंह ने प्रमुख सचिव वित्त उत्तर प्रदेश सरकार को एक शिकायती पत्र भेज कर बताया उत्तर प्रदेश के जनपद पीलीभीत में अग्रणी जिला ऋण प्रबन्धक द्वारा भारी पैमाने पर किसानों के ऋण के नाम पर जनपद की समस्त बैंकों के अधिकारियों से भारी पैमाने पर समस्त ऋणों पर अवैध वसूली व भ्रष्टाचार की एवं वित्तीय अनिमित्ताओं की उच्चस्तरीय जांच टीम गठित कराकर कठोर से कठोर कानूनी कार्यवाही कराने की मांग की है। पत्र में उन्होंने बताया जनपद पीलीभीत में कार्यरत अग्रणी जिला ऋण प्रबन्धक,बडौदा बैंक द्वारा भारी पैमाने पर विभिन्न ऋणों पर किसानों से अवैध वसूली हो रही है।अग्रणी जिला ऋण प्रबन्धक किसानों के बैंकों से कृषि ऋण क्राफ लोन आदि लेने पर जनपद के सभी बैंकों में भ्रष्टाचार में उप प्रबन्धक संलिप्त है।तथा बैंक की शिकायत करने पर किसानों से उक्त प्रबन्धक द्वारा अभद्र व्यवहार करते है।

समस्त बैंकों में किसानों के कार्य सीधे व सरलता नही हो पा रहे है।दलालों के माध्यम से परसेटेज तय होने से किसानों की लिमिट,कृषि लोन,सिविल के नाम पर किसानों को लूटा जा रहा है।किसानों को किसी भी प्रकार का कृषि लोन लेने के लिये महीनों बैंको के चक्कर काटने पड रहे है।जनपद में बैंको के अधिकृत अधिवक्ताओं द्वारा बारह साला आदि में त्रुटियों का बहाना बनाकर किसानों से लूट हो रही है।कई बार समाचार पत्रों में भी प्रकाशित हो चुका है। जनपद की समस्त बैंकों से जालसाज बैंकों से सांठगांठ कर एक ही दस्तावेज के आधार पर विभिन्न बैंकों से ऋण प्राप्त कर रहे है।जनपद में अग्रणी जिला ऋण प्रबन्धक पीलीभीत द्वारा वित्तीय अनिमित्ताओं एवं अवैध वसूली कर दस्तावेजों पर स्वीकृत करना संज्ञान में आया है। किसानों की सिविल के नाम पर भी भारी पैमाने पर अवैध वसूली हो रही है।इससे यह स्वतः प्रतीत होता है कि जनपद के अग्रणी जिला ऋण प्रबन्धक बडौदा बैंक पीलीभीत ने अपार काला धन एकत्र किया है।भारत सरकार द्वारा इसकी उच्चस्तरीय जांच किया जाना अति आवश्यक है।उन्होने कहा किसानों के हितों को देखते हुए जनपद पीलीभीत में कार्यरत अग्रणी जिला ऋण प्रबन्धक बडौदा बैंक पीलीभीत उ०प्र० की उच्चस्तीय जांच टीम गठित कराकर दोषी के विरूद्ध कठोर से कठोर कानूनी कार्यवाही कर निलम्बित कराने की मांग की है।

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