सुप्रीम कोर्ट ने उप आयुक्त एवं उप निबंधक सहकारिता के फैसले पर लगाई रोक
बाराबंकी। डिस्ट्रिक्ट को ऑपरेटिव बैंक के 13 में से 12 अयोग्य घोषित संचालक-सदस्यों को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या मण्डल के उप आयुक्त एवं उप निबंधक सहकारिता के फैसले पर रोक लगा दी है। आपको बता दें कि अयोध्या मण्डल के उप आयुक्त एवं उप निबंधक सहकारिता ने 16 अगस्त को एक साथ 13 में से 12 सदस्यों को अयोग्य घोषित कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने 16 अगस्त के फैसले को अनियमित और एकपक्षीय करार दिया और बैंक संचालकों की याचिका का संज्ञान लेते हुए 17 सितंबर के पारित आदेश से अयोध्या मण्डल के उप आयुक्त एवं उप निबंधक सहकारिता के आदेश पर रोक लगा दी है। जिसके फलस्वरूप अयोग्यता का निर्णय वर्तमान में निष्फल हो गया है।
उक्त जानकारी देते हुए बैंक संचालकों के अधिवक्ता फ़ारूक अय्यूब एडवोकेट (हाईकोर्ट) ने बताया कि बैंक संचालकों के विरूद्ध साज़िश करते हुए ज़िले में तैनात सहायक आयुक्त एवं सहायक निबंधक सहकारिता तथा बैंक में कार्यरत सचिव/मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने वास्तविक तथ्यों से परे रिपोर्ट प्रेषित की गई, जिस पर अयोध्या मण्डल के उप आयुक्त एवं उप निबंधक सहकारिता द्वारा एक पक्षीय कार्यवाही करते हुए, बैंक के बारह संचालक-सदस्यों को अयोग्य घोषित कर, आनन फ़ानन में अंतरिम कमेटी का गठन और नैसर्गिक न्याय के तहत अपील का समुचित अवसर दिये बग़ैर तुरंत बैंक की नयी प्रबंध कमेटी की चुनाव प्रक्रिया भी प्रारंभ करवा दी थी। ऐसे ही तमाम तथ्यों को सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत कर न्याय की मांग की गई, जिस पर संबंधित प्रतिपक्षीगणों को सर्वोच्च न्यायालय द्वारा नोटिस निर्गत कर जवाब भी मांगा गया है। सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय का स्वागत करते हुए बैंक सभापति सिद्धान्त पटेल ने सुप्रीम कोर्ट का आभार जताते हुए, न्याय की जीत की संज्ञा दी है।