झोलाछाप डॉक्टरों पर लगाम लगाने में नाकामयाब हो रहे हैं सीएमओ

व्यापारी नेता विजयपाल विक्की ने परिजनों के साथ मिलकर मुख्य चिकित्सा अधिकारी का फूका था पुतला

कार्रवाई के नाम पर जांच और नोटिस भेजा जाता हैं।उसके शुरू होता है।असली खेल

पीलीभीत। उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम बृजेश पाठक लगातार स्वास्थ्य विभाग में हो रहे घोटालों की जांच और पड़ताल का निरीक्षण करके हकीकत जानने का प्रयास कर रहे हैं।लगातार छापामार कार्रवाई कर उसको अमली जामा पहनाने के लिए प्रयासरत है। लेकिन उनकी ही सरकार में तैनात मुख्य चिकित्सा अधिकारी आलोक शर्मा डिप्टी सीएम बृजेश पाठक के दिशा निर्देशों का पालन करने में नाकाम साबित हो रहे हैं। योगी सरकार लगातार झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ अभियान चलाकर कार्रवाई करने के निर्देश दे रही है। लेकिन जनपद पीलीभीत में झोलाछाप डॉक्टरों का मकड़जाल ऐसा फैला हुआ है। कि आए दिन किसी न किसी फर्जी अस्पताल में गर्भवती महिलाओं की मौत हो रही है। और स्वास्थ्य विभाग ऐसे अस्पतालों को लगातार अपना संरक्षण दे रहा है। जनपद की तहसील कलीनगर,अमरिया, बीसलपुर,पुरनपुर,सदर सहित अन्य जगहों पर झोलाछाप डॉक्टरों की भरमार है। और स्वास्थ्य विभाग की मेहरबानी से लगातार घटना को अंजाम दे रहे हैं।

झोलाछाप डॉक्टर फर्जी डिग्रियों और एमबीबीएस डॉक्टरो के नाम बोर्ड पर लिख कर बड़े ही शान से अपना धंधा चला रहे हैं। इन अस्पतालों में अनपढ़ और अट्रेंड युवक गर्भवती महिलाओं का ऑपरेशन कर रहे हैं।और लोगों के जीवन से खिलवाड़ कर रहे हैं। कुछ दिन पूर्व पूरनपुर में कोतवाली से चंद कदम की दूरी पर स्थित रामा नर्सिंग होम में प्रसव के दौरान महिला की मौत हो चुकी है। जिसमें व्यापारी नेता विजयपाल विक्की ने परिजनों के साथ मिलकर मुख्य चिकित्सा अधिकारी का पुतला भी फूका था। कई दिन पहले माधोटांडा में भी एक ऐसा मामला हुआ था। पूरनपुर में स्थित ब्लॉक रोड पर भी महिला चिकित्सक द्वारा कारनामा किया गया था। अस्पताल को सीज किया गया था। लेकिन कुछ बात दिन बाद फिर अस्पताल को खोल दिया गया है। पीलीभीत, बीसलपुर, अमरिया क्षेत्र में भी झोलाछाप डॉक्टरों द्वारा मनुष्य के जीवन के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग कार्रवाई के नाम पर नोटिस और जांच की बात कहता है। अगर मामला हाई लाइट में आता है। तो स्वास्थ्य विभाग अस्पताल के मामले को दबाने के लिए उसको सीज कर देता है। और एक या दो महीने में उस अस्पताल को मोटी रकम लेकर खोलने का आदेश दे देता है। लगातार इन अस्पतालों में नवजात शिशुओं की भी मौत हो चुकी है। सूत्र बताते हैं। कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा दिए जा रहे अभयदान से जनपद पीलीभीत में झोलाछाप डॉक्टरों की भरमार दिखाई दे रहीं है।

नोटिस और स्वास्थ्य विभाग की जांच तक ही सिमट जाती है। कार्रवाई

किसी की जान चली जाए और स्वास्थ्य विभाग केवल नोटिस और जांच के नाम पर कार्रवाई की बात कहता है।लेकिन कार्रवाई के नाम पर झोलाछाप डॉक्टरों को अभयदान दिया जाता है। स्वास्थ्य विभाग इन आरोपियों के खिलाफ पूरी तरह से नर्मी दिखाता है।

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