पुरानी फोटो पर लग रही श्रमिक हाजिरी

ग्राम पंचायत माखूबेहर नरना,खैरेपट्टी व भवानीपुर में मनरेगा कार्यो में फर्जीवाडा किया जा रहा है।

सीतापुर(बेहटा) विकास खण्ड बेहटा में मनरेगा कार्यो में पुरानी फ़ोटो अपलोड कर फर्जीवाडा किया जा रहा है, फर्जीवाडा करने के पीछे मुख्य वजह यह भी मानी जा रही है कि मौके जिम्मेदारो के द्वारा कार्य नही कराया जाता है।
ग्राम पंचायत माखूबेहर में मनरेगा से दो कार्य संचालित किए जा रहे है डामर रोड से संतोष की दुकान तक इंटरलॉकिंग कार्य व छोटे यादव के खेत से शंकर के खेत तक मिट्टी पटाई कार्य दोनो की कार्यो पर 71 श्रमिको की पुरानी फ़ोटो अपलोड कर फर्जी हाजिरी दर्ज की जा रही है।

ग्राम पंचायत नरना में मनरेगा से तीन कार्य चलाये जा रहे है, 1-बनवारी के खेत से मनोज के खेत तक मिट्टी पटाई कार्य, 2-नदी से दतूनी सरहद तक मिट्टी पटाई कार्य, 3 शिव भगवान के खेत से सुरजी के खेत तक मिट्टी पटाई कार्य तीनो ही कार्यो पर फर्जी 108 श्रमिको की हाजिरी दर्ज की जा रही है। ग्राम पंचायत खैरेपट्टी में कागजो पर विकास का घोड़ा दौड़ाया जा रहे है, ग्राम पंचायत में तीन कार्यो की कार्य चलाये जा रहे है, 1-मेन रोड से रमुवापुर सरहद तक भूमि विकास कार्य, 2- दनकू के खेत से पुलिया तक मिट्टी पटाई कार्य , 3- श्रीकृष्ण राजपूत के खेत से शिवबालक तिवारी के खेत तक मिट्टी पटाई कार्य तीनो ही कार्यो पर ऑनलाइन दर्ज की हाजिरी में 117 श्रमिको की फर्जी हाजिरी बिना कार्य के संचालित हुए ही लगाई जा रही है।
ग्राम पंचायत भवानीपुर में रामासरे के खेत से उत्तर कामता के खेत तक मिट्टी पटाई कार्य व सूर्यबली के खेत से सुरेश जायसवाल के खेत तक मिट्टी पटाई कार्य दोनो कार्यो पर कार्य बंद होने के बावजूद भी पुरानी फोटो अपलोड कर 92 श्रमिको की फर्जी हाजिरी दर्ज की जा रही है।

14 लाख 59 हजार का गबन होना पाया गया
पौन करोड़ के मनरेगा घोटाले में जिलाधिकारी द्वारा बड़ी कार्रवाई की गई थी। इसमें एपीओ, तकनीक सहायक और चार रोजगार सेवकों की सेवाएं समाप्त की गईं थी। इसी क्रम में इसी ब्लॉक में कार्यरत ग्राम विकास अधिकारी रविकांत शुक्ला को ज़िला विकास अधिकारी हरिश्चंद्र प्रजापति ने मनरेगा धनराशि गबन के मामले में तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। सचिव रविकांत शुक्ला के विरुद्ध रजपारापुर ग्राम पंचायत में अमर शहीद भगत सिंह अमृत सरोवर निर्माण कार्य में गड़बड़ी करने का आरोप था। शिकायत की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति बनाई गई थी। जांच टीम की ओर से दी गई रिपोर्ट में मामला सही पाया गया। जांच रिपोर्ट के अनुसार 14 लाख 59 हजार का गबन होना पाया गया।

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