-घायलों, बुजुर्गों एव दिव्यांगों के लिए ट्रॉली से शुरू हुआ रेस्क्यू
देहरादून/केदारघाटी। केदारघाटी में प्रशासन इंसानों के साथ ही बेजुबान जानवरों के लिए भी संवेदनशीलता के साथ लगातार कार्य कर रहा है। पशु चिकित्सा विभाग की ओर से यात्रा मार्गों पर फंसे हुए घोड़े-खच्चरों के लिए साढ़े चार टन पशु चारा हेलीकॉप्टर के माध्यम से पहुंचाया जा चुका है।
मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ आशीष रावत ने बताया कि गौरीकुंड क्षेत्र के पशु पालकों के लिए चीरबासा हेलीपैड पर साढ़े चार टन पशु चारा अब तक पहुंचाया जा चुका है। घोड़े-खच्चर संचालक अपने पशुओं का लाइसेंस या अन्य प्रपत्र चीरबासा हेलीपैड पर प्रशासन की टीम को दिखाकर पशु आहार प्राप्त कर सकते हैं।
रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार जारी
केदारनाथ धाम यात्रा मार्ग पर फंसे हुए यात्रियों को सुरक्षित रेस्क्यू करने के लिए शासन-प्रशासन लगातार मुस्तैदी से कार्य कर रहा है। जिलाधिकारी सौरभ गहरवार एव पुलिस अधीक्षक विशाखा अशोक भदाणे मौके से लगातार सभी कार्यों का निरीक्षण कर रहे हैं। जिला प्रशासन सहित सेना, डीडीआरएफ, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ एव पुलिस के जवान पूरे रेस्क्यू कार्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
06 ग्रेनेडियर यूनिट सीओ कर्नल हितेश वशिष्ठ के नेतृत्व में सेना रास्तों को पुनर्स्थापित करने के लिए तेजी से कार्य कर रही है। सोनप्रयाग से गौरीकुंड के बीच वॉशआउट हुए मार्ग पर पैदल पुल बनाने के लिए सेना और अन्य सुरक्षा बल तत्परता से कार्य कर रहे हैं। इसके अलावा गौरीकुंड की ओर फंसे घायल, बुजुर्ग एव दिव्यांगों को रेस्क्यू करने के लिए सेना ने एक ट्रॉली स्थापित कर दी है। रविवार को चलने में असमर्थ लोगों के अलावा कई बुजुर्ग और घायलों को इससे रेस्क्यू किया गया। इसके अलावा सेना के कुछ जवान भीमबली के समीप वॉशआउट हुए रास्तों का मुआयना भी कर चुके हैं। इन रास्तों को पुनर्स्थापित करने की योजना तैयार की जा रही है। वहीं डॉग स्क्वायड टीम स्निफर डॉग की मदद से सर्च अभियान भी शुरू कर चुकी है।
जिलाधिकारी ने राष्ट्रीय राजमार्ग के अधिकारियों को वॉशआउट क्षेत्रों में सुरक्षा दीवार एव पुश्तों का निर्माण जल्द शुरू करवाने के निर्देश दिए हैं। खाद्य विभाग को सभी स्थानों पर फूड पैकेट्स, पानी एव भोजन व्यवस्था निरंतर करने के निर्देश भी दिए। इसके अलावा कमांडेंट एनडीआरएफ सुदेश कुमार, एसडीआरएफ मणिकांत मिश्रा पूरे रेस्क्यू पर नजर बनाए हुए हैं।