नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण के समाप्त होने के बाद वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने चुनाव आयोग के नए नियम पर सवाल उठाए हैं।
सिब्बल ने कहा कि 4 जून को मतगणना प्रक्रिया के दौरान उम्मीदवारों के मतगणना एजेंटों को सहायक रिटर्निंग ऑफिसर (एआरओ) टेबल पर जाने की अनुमति नहीं देने की बात सुनी गई है, जो गलत है।
कांग्रेस ने भी उठाए सवाल
इससे पहले कांग्रेस नेता अजय माकन ने भी इसपर सवाल उठाए थे। माकन ने आरोप लगाया था कि उम्मीदवारों के मतगणना एजेंटों को वोटिंग के समय साथ बैठने की अनुमति नहीं होगी। उन्होंने कहा कि ये कथित ईवीएम धांधली से भी बड़ा मुद्दा है और भारत के चुनाव आयोग को इस पर ध्यान देने की जरूरत है। अब इसपर चुनाव आयोग का बयान आ गया है।
कांग्रेस ने भी उठाए सवाल
माकन ने एक्स पर पोस्ट किया,
पहली बार एआरओ टेबल पर उम्मीदवारों के काउंटिंग एजेंटों को अनुमति नहीं दी जा रही है। मैंने पहले 9 लोकसभा और विधानसभा चुनाव लड़े हैं और ऐसा पहली बार हो रहा है। अगर यह सच है, तो यह कथित ईवीएम धांधली से भी बड़ा है। मैं सभी उम्मीदवारों के लिए इस मुद्दे को उठा रहा हूं।
चुनाव आयोग का आया जवाब
अजय माकन के बयान के बाद दिल्ली के मुख्य चुनाव अधिकारी का भी बयान आया। उन्होंने स्पष्ट किया कि उम्मीदवारों के काउंटिंग एजेंटों को आरओ और एआरओ की टेबल पर अनुमति है। दिल्ली कार्यालय के मुख्य चुनाव अधिकारी ने एक्स पर पोस्ट किया, “यह स्पष्ट किया जाता है कि उम्मीदवारों के काउंटिंग एजेंटों को आरओ/एआरओ की टेबल पर अनुमति है।”