कानपुर का कुंभ नगरी से है खास नाता

कुंभ नगरी प्रयागराज में महाकुंभ की तैयारी जोरशोर से चल रही है. ऐसे में कानपुर को याद करना भी जरूरी हो जाता है, क्योंकि कानपुर का कुंभ नगरी से खास नाता है. उत्तर भारत का पहला रेलवे स्टेशन कानपुर में बनाया गया था. अंग्रेजों ने पुराने कानपुर रेलवे स्टेशन का 165 साल पहले निर्माण करवाया था. यह उत्तर भारत का पहला और देश का चौथा सबसे पुराना रेलवे स्टेशन था.

आज कानपुर का सेंट्रल रेलवे स्टेशन देश के सबसे व्यस्त रेलवे स्टेशन में से एक है. इस स्टेशन से देश के हर कोने के लिए ट्रेन जाती है, जिसके लाखों यात्री सफर करते है. कानपुर रेलवे स्टेशन का इतिहास भी काफी रोचक है. जहां आज सेंट्रल स्टेशन है वहां पर हमेशा से स्टेशन नहीं था. अंग्रेजों ने 1859 में पुराने कानपुर रेलवे स्टेशन की शुरुआत की थी. उस समय सबसे पहली ट्रेन इलाहाबाद, जिसको आज प्रयागराज कहा जाता है वहां से चल कर कानपुर रेलवे स्टेशन पहुंची थी.

क्यों अंग्रेजों ने कानपुर में करवाया था रेलवे स्टेशन का निर्माण

जानकारी के मुताबिक, वो ऐतिहासिक दिन 3 मार्च, 1859 था, जब उत्तर भारत के पहले रेलवे स्टेशन पर ट्रेन पहुंची थी. इतिहासकार बताते है कि इस समय पहली ट्रेन मालगाड़ी थी जिसकी रफ्तार दस किलोमीटर प्रति घंटा थी. उस समय ट्रेन को देखने के लिए भारी भीड़ उमड़ पड़ी थी. दरअसल उस समय कानपुर अंग्रेजों की छावनी के रूप में विकसित हो रहा था और साथ ही इसको औद्योगिक शहर का दर्जा मिलता जा रहा था. इसको देखते हुए अंग्रेजों ने फैसला किया कि यहां पर रेलवे स्टेशन का निर्माण कराया जाए.

प्रयागराज से कानपुर तक रेल पटरी बिछाने का काम शुरू किया गया और 3 मार्च, 1859 को पहली ट्रेन कानपुर पहुंच गई, वैसे देश में ट्रेन की शुरुआत 16 अप्रैल, 1853 में हुई थी और पहला रेलवे स्टेशन मुंबई का छत्रपति शिवाजी टर्मिनसथा जिसको उस समय विक्टोरिया टर्मिनस के नाम से जाना जाता था. देश की औद्योगिक राजधानी मुंबई में रेलवे स्टेशन बनाने के बाद अंग्रेजों ने ज्यादा देर नहीं की और मैनचेस्टर ऑफ ईस्ट बनते जा रहे कानपुर में मात्र 6 साल बाद ही रेलवे स्टेशन बनकर ट्रेन की शुरुआत कर दी.

पुराने कानपुर रेलवे स्टेशन को कर दिया गया बंद

कानपुर में रेलवे स्टेशन बनने के बाद 1860 में इस स्टेशन से मुंबई के लिए पहली ट्रेन चली थी. साल 1875 में लखनऊ के लिए और 1886 में झांसी के लिए पहली ट्रेन यहां से चली. साल 1932 में सेंट्रल स्टेशन बनने के बाद पुराने कानपुर रेलवे स्टेशन को बंद कर दिया गया. आज कानपुर रेलवे स्टेशन में 10 प्लेटफॉर्म है और सैकड़ों ट्रेन रोज यहां से गुजरती है. सबसे खास बात यह है कि सबसे व्यस्त रेलवे स्टेशन को सेंट्रल का दर्जा प्राप्त होता है और देश पांच रेलवे स्टेशन को यह दर्जा प्राप्त है जिसमें से एक कानपुर है.

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