वाशिंगटन। जो बाइडन अमेरिकी राष्ट्रपति उम्मीदवार के पद से बाहर हो गए है। अब डेमोक्रेटिक पार्टी से राष्ट्रपति उम्मीदवार के लिए कमला हैरिस को चुना गया है। पार्टी की सबसे प्रबल दावेदार बनकर उभरीं कमला हैरिस अब अपने चुनाव अभियान में जोरो-शोरों में जुट गई है।
दरअसल, शनिवार यानी आज उन्होंने आधिकारिक तौर पर संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति पद के लिए अपनी उम्मीदवारी की घोषणा करते हुए एक फॉर्म पर हस्ताक्षर किए।
अभियोजक से राजनेता बनने तक का सफर
कमला हैरिस देश की पहली भारतीय अमेरिकी सीनेटर और कैलिफोर्निया की पहली महिला और दक्षिण एशियाई अटॉर्नी जनरल थीं।
हैरिस उपराष्ट्रपति बनने वाली पहली महिला हैं, साथ ही वे इस पद पर आसीन होने वाली पहली अश्वेत या एशियाई अमेरिकी व्यक्ति भी हैं।
अगर हैरिस अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव जीतती है तो वह देश की पहली महिला राष्ट्रपति भी हो जाएंगी।
हैरिस का जीवन और राजनीति सफर
कमला के नाम का मतलब है -‘कमल का फूल’, उनका जन्म 20 अक्टूबर, 1964 को कैलिफोर्निया के ओकलैंड में हुआ था। 2019 में लिखी अपनी किताब में कमला ने जिक्र किया था कि उनके नाम को लोग विराम चिह्न की तरह पुकारते है जैसे- ‘कॉमा-ला’।
कमला की मां थी भारतीय
हैरिस के पिता डोनाल्ड, बर्कले में कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र की पढ़ाई करने के लिए जमैका से अमेरिका में आ गए थे। अब वे स्टैनफोर्ड में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर एमेरिटस हैं। वहीं, उनकी मां श्यामला गोपालन हैरिस, 1950 के अंत में दक्षिण भारत से अमेरिका में आ गई थीं। 2009 में उनकी मां का निधन हो गया था। वह एक भारतीय-अमेरिकी कैंसर शोधकर्ता थीं।
कमला की पढ़ाई-लिखाई
यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया हेस्टिंग्स में लॉ स्कूल से पढ़ाई की।
जिला अटॉर्नी के कार्यालय में अभियोजक के रूप में अपने करियर की शुरुआत की।
हैरिस ने तीन दशक तक अभियोजक के रूप में काम किया।
ओकलैंड के अल्मेडा काउंटी के लिए डिप्टी डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी के रूप में काम किया।
वह 2004 में सैन फ्रांसिस्को की डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी चुनी गईं।
2011 में, हैरिस कैलिफोर्निया की अटॉर्नी जनरल बनने वाली पहली अश्वेत अमेरिकी, पहली महिला और पहली एशियाई अमेरिकी बनीं।
2016 में वह अमेरिकी सीनेटर बनने वाली पहली भारतीय महिला बनीं।
2017 से 2021 तक वह कैलिफोर्निया की जूनियर US सीनेटर रहीं।
2021 में वह अमेरिकी उपराष्ट्रपति बनीं।
कमला की पर्सनल लाइफ
2014 में हैरिस ने एक लॉ फर्म के पूर्व मैनेजिंग पार्टवर डग एमहॉफ से शादी की।
दोनों एक ब्लाइंड डेट पर मिले थे।
इन मुद्दों के कारण लाइमलाइट में रहीं कमला
हिंसक गिरोहों, नशीले पर्दाथ की तस्करी पर कड़ी कार्यवाही कर उन्होंने अपनी सख्त छवि पेश की
हमेशा से उनका फोकस अमेरिका में अधिक से अधिक अपराधों पर रोक लगाना था।
अपने मीडिल स्कूल की पढ़ाई के दौरान कमला ने धरना प्रदर्शन दिया था। दरअसल, कमला के स्कूल में लड़कियों को लड़कों के साथ फुटबॉल ने खेलने का नियम लागू किया गया था।
अपने अपार्टमेंट के सामने बच्चों को लॉन में खेलने से मना करने पर भी कमला ने प्रदर्शन किया था।
2004 में पुलिस अधिकारी के हत्यारे के खिलाफ मृत्यदंड की मांग से इनकार करने के फैसले पर कमला की खूूब आलोचना हुई थी।
2010 में कमला ने बच्चों को स्कूल न भेज पाने वाले माता-पिता को सजा देने की बात का समर्थन किया था।