रांची। झारखंड लोक सेवा आयोग ने रविवार को आयोजित होनेवाली सिविल जज (जूनियर डिवीजन) प्रारंभिक परीक्षा में किसी प्रकार की गड़बड़ी का प्रयास करनेवालों को सचेत किया है।
आयोग ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि झारखंड में प्रतियोगिता परीक्षाओं में अनुचित साधनों के प्रयोग के रोकथाम व निवारण के लिए दंडात्मक कार्रवाई का कठोर कानून झारखंड प्रतियोगी परीक्षा (भर्ती के अनुचित साधानों के रोकथाम व निवारण के उपाय) कानून, 2023 लागू है।
दस वर्ष और 10 करोड़ तक के जुर्माने का है प्रावधान
इसके तहत कोई भी व्यक्ति या व्यक्ति के समूह यदि अनुचित साधनों, धोखाधड़ी, तथ्य विहिन अफवाहों फैलाने या किसी भी प्रकार से षड़यंत्र या कदाचार में संलिप्त होता है तो इस अधिनियम के कानूनी प्रावधानों के तहत कठोर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
इस कानून में एक एक वर्ष से दस वर्ष या आजीवन कारावास तथा कम से कम पांच लाख से लेकर अधिक से अधिक 10 करोड़ तक के जुर्माने का प्रविधान है। परीक्षा संबंधी किसी भी प्रकार के कदाचार को रोकने हेतु आयोग द्वारा कई प्रकार के समुचित प्रविधान सुनिश्चित किए गए हैं।
ऐसे होगी परीक्षा केंद्रों पर जांच
प्रत्येक परीक्षा केंद्र में फ्रिस्किंग एवं मेटल डिटेक्टर के द्वारा प्रवेश करते समय अभ्यर्थियों की जांच की जाएगी। किसी भी प्रकार की निषिद्ध सामग्री जैसे इलेक्ट्रानिक उपकरण मोबाइल फोन, ब्लू टूथ डिवाइस, घड़ी, कैलकुलेटर, पेजर चिप या कंप्यूटर को प्रभावित करने वाला कोई भी उपकरण आदि परीक्षा केन्द्र में ले जाना प्रतिबंधित है। परीक्षा केंद्रों में जैमर तथा सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं। अभ्यर्थियों के फेस रिकागनिशन और आयरिश डिटेक्शन की भी व्यवस्था की गई है।