वक्फ संशोधन बिल पर बनी जेपीसी की बैठक में हंगामा हो गया है. इस हंगामे को देखते हुए मार्शल बुलाए गए. असदुद्दीन ओवैसी और कल्याण बनर्जी समेत 10 विपक्षी सांसदों को जेपीसी सदस्यता से एक दिन के लिए सस्पेंड कर दिया गया है. विपक्षी सांसदों का आरोप है कि उनकी बात नहीं सुनी जा रही है. यह पहली बार नहीं है जब जेपीसी की बैठक में हंगामा हुआ हो. इससे पहले भी इस बैठक में विवाद हो चुके हैं. वक्फ पर बनी जेपीसी की यह बैठक दो दिन तक चलेगी. सूत्रों के मुताबिक, 27 या 28 जनवरी को जेपीसी रिपोर्ट सौंपी जा सकती है.
बैठक में बिल पर क्लॉज-दर-क्लॉज चर्चा होगी और रिपोर्ट के मसौदे को अंतिम रूप दिया जाएगा. मगर बैठक के पहले दिन ही इस पर जमकर हंगामा हो गया. अरविंद सावंत ने कहा कि समय नहीं दिया, जल्दबाजी कर रहे हैं. 10 सदस्यों को आज भर के लिए सस्पेंड कर दिया है. हम 31 को क्लॉज-दर-क्लॉज चर्चा चाहते थे पर ये 27 जनवरी पर अड़े हैं.
JPC की बैठक में क्यों हुआ हंगामा?
वक्फ पर बनी जेपीसी में विपक्षी दलों के सदस्यों द्वारा हंगामे के पीछे का मुख्य कारण समिति के सदस्यों की ये मांग थी कि रिपोर्ट एडॉप्ट की तारीख को 31 जनवरी किया जाए. समिति की रिपोर्ट तैयार करने से पहले क्लॉज दर क्लॉज अमेंडमेंट पर चर्चा के लिए पहले 24 और 25 जनवरी की तारीख तय की गई थी. लेकिन कल गुरुवार की देर रात वो तिथि चेंज करके 27 जनवरी कर दी गई थी.
समिति में विपक्षी दलों के सांसदों की ये मांग थी कि क्लॉज बाय क्लॉज के लिए बैठक 27 जनवरी की जगह 31 जनवरी कर दिया जाए. समिति के अध्यक्ष विपक्षी दलों के सांसदों की मांग के लिए तैयार नहीं थे. पहले के तय कार्यक्रम के मुताबिक आज 24 जनवरी को क्लॉज बाय क्लॉज अमेंडमेंट एडॉप्शन किया जाना तय था लेकिन आज मीरवाइज फारूक के नेतृत्व में कश्मीर के मुस्लिम स्कॉलर्स को समिति के सामने बात रखने का मौका दिया गया. ये निर्णय कल रात को ली गई थी.
500 पन्नों की रिपोर्ट प्रस्तुत कर सकती समिति
समिति के 21 लोकसभा और 10 राज्यसभा सदस्यों में से 13 विपक्षी दलों से हैं. निचले सदन में नौ और उच्च सदन में चार सदस्य हैं. माना जा रहा है कि समिति आगामी बजट सत्र में अपनी 500 पन्नों की रिपोर्ट प्रस्तुत कर सकती है. वक्फ पर बनी इस समिति ने दिल्ली में 34 बैठकें की हैं और कई राज्यों का दौरा किया है, जहां 24 से अधिक हितधारकों को बुलाया गया था.