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Jhansi News : कृभको (Krupak) के चेयरमैन ने आलू किसानों को लेकर एक महत्वपूर्ण बयान दिया है, जिसमें उन्होंने कहा कि आलू किसानों की समस्याओं का समाधान जल्द ही किया जाएगा और उन्हें भरपूर मुनाफा मिलेगा। चेयरमैन ने बताया- कि सरकार किसानों के लिए नई योजनाओं और समर्थन उपायों पर काम कर रही है, जिससे आलू उत्पादकों को उनके उत्पादों की बेहतर कीमत मिलेगी और उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। इसके अलावा, आलू की गुणवत्ता और उत्पादन में सुधार के लिए भी कई पहल की जा रही हैं।
आलू किसानों की तकलीफें जल्द दूर होने वाली हैं क्योंकि कृषक भारती कोऑपरेटिव लि. (कृभको) ने नीदरलैंड की बहुराष्ट्रीय कंपनी फ्रेंच फ्राइड से करार किया है। कृभको के चेयरमैन एवं अंतरराष्ट्रीय सहकारी संगठन के एशिया क्षेत्र के अध्यक्ष डॉ. चंद्रपाल सिंह यादव ने बताया कि करार के तहत यह कंपनी किसानों से आलू लेकर उसका प्रसंस्करण करेगी। किसान जितना भी आलू कंपनी को दे सकेंगे, वह उतना खरीदेगी। इतना ही नहीं, किसानों को आलू के उन्नत बीज भी उपलब्ध कराए जाएंगे। अमर उजाला से बातचीत में डॉ. सिंह ने कहा, आलू की अधिक पैदावार से किसानों को उसका सही मूल्य नहीं मिल पाता है। आलू सड़कों पर फेंकने तक की नौबत आ जाती है। लेकिन, आने वाले समय में यह स्थिति नहीं रहेगी। किसानों को आलू कोल्ड स्टोर में भी नहीं रखना होगा। किसान सीधे कंपनी को आलू बेच सकेंगे। प्रसंस्करण प्लांट उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में स्थापित किया जा रहा है। प्लांट तैयार होने में दो साल लगेंगे। इसके शुरू हो जाने से आलू किसानों को वैश्विक बाजार मिलेगा, जिससे उनकी कमाई कई गुना बढ़ेगी।
सहकारी बैंक होंगे मजबूत..
कृभको अध्यक्ष ने बताया, सरकार सहकारी बैंकों को और मजबूत करने जा रही है। इनकी निगरानी आरबीआई करेगा, जिससे सहकारी बैंकों में कामकाज और पारदर्शी होगा। सहकारी बैंकों को शाखाओं के विस्तार की मंजूरी भी दी गई है, जिससे उनका दायरा और अधिक बढ़ेगा।
सहकारी आंदोलन के नाम है यह वर्ष..
संयुक्त राष्ट्र संघ ने साल 2025 को अंतरराष्ट्रीय सहकारी वर्ष घोषित किया है। इस साल भारत सहित दुनियाभर में सहकारिता से जुड़े कार्यक्रम आयोजित होंगे। सालभर के आयोजनों का कार्यक्रम तैयार कर लिया गया है। लोगों को सहकारिता के प्रति जागरूक किया जाएगा। इसके तहत सहकारी संस्थाओं के जरिये महिला किसानों के सशक्तीकरण पर जोर दिया जाएगा।
बायो इथनॉल का एक प्लांट तैयार, दो का काम जारी..
कृभको बायो इथनॉल बनाने के तीन प्लांट शुरू कर रही है। गुजरात के हजीरा में एक प्लांट बन गया है। आंध्र प्रदेश के कृष्णपट्टनम और तेलंगाना के करीमनगर में दो प्लांट का निर्माण जारी है। इनमें टूटे चावल और बाजरा से बायो इथनॉल बनेगा। इससे किसानों को उनकी उपज का अच्छा मूल्य तो मिलेगा। साथ ही, रोजगार की दिशा में भी यह कृभको के लिए बड़ा कदम साबित होगा।
शारजाह में होगा खाद का उत्पादन..
यूरिया के मोर्चे पर आत्मनिर्भर बनने के बाद देश में डीएपी का उत्पादन बढ़ाने की तैयारी है, जिसकी सालाना मांग 150 लाख टन है। कच्चा माल उपलब्ध न होने से डीएपी का ज्यादातर हिस्सा विदेश से आता है। इस कमी को दूर करने के लिए कृभको शारजाह में प्लांट लगा रही है। वहां बनने वाली खाद की शत-प्रतिशत आपूर्ति भारत में होगी।
इन देशों में सबसे अधिक निर्यात..
हिसार से जिन देशों में निर्यात किया जाता है, उनमें जर्मनी, चीन, जापान, वियतनाम, फ्रांस, इटली, स्पेन, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, मेक्सिको, ब्राजील आदि शामिल हैं। इनके अलावा, अर्जेंटीना, दक्षिण अफ्रीका, नाइजीरिया, मिस्र ,मोरक्को, दक्षिण कोरिया, थाइलैंड और बांग्लादेश जैसे देशों में टेक्सटाइल, स्टील, मेटल, फार्मा और इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद निर्यात किए जाते हैं।