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Jhansi News : कोर्ट का सख्त आदेश है कि रात 10 बजे के बाद डीजे न बजे। इसके बावजूद, कानून व्यवस्था का खुलेआम उल्लंघन किया जा रहा है। हाल यह है कि महानगर में रात 10 बजे से पहले जहां डीजे बज रहे हैं, वह भी मानक से कहीं अधिक ज्यादा हैं। कंपन और तेज ध्वनि से बुजुर्गाें में हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जा रहा है। दूसरी ओर, बाेर्ड परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्र-छात्राओं को पढ़ाई में परेशानी हो रही है। न्यायालय ने शादी विवाह व अन्य आयोजनों में डीजे चलाने की अनुमति रात 10 बजे तक दी है। नियमानुसार, डीजे 65 डेसीबल से ज्यादा आवाज पर नहीं बजा सकते लेकिन 110-120 डेसीबल तक डीजे बजाए जा रहे हैं। 120 डेसीबल या इससे ज्यादा का साउंड सिस्टम हार्ट के मरीजों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। दूसरी ओर, आईसीएसई और सीबीएसई की परीक्षाएं चल रही हैं। रात में डीजे बजने से परीक्षार्थी को पढ़ाई में दिक्कत हो रही है।
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हालांकि इसकी शिकायत करने पर पुलिस कुछ मामलों में ही मौके पर पहुंचकर कार्रवाई कर रही है। महानगर का ऐसा कोई हिस्सा नहीं है, जहां तेज आवाज में डीजे न बज रहे हों। इस कारण बहरापन, मानसिक तनाव, चिड़चिड़ाहट, तेज सिरदर्द, हाई ब्लड प्रेशर, अनिद्रा, याददाश्त कमजोर होने के साथ-साथ हार्ट अटैक की भी आशंका बनी रहती है। मेडिकल कॉलेज के विरिष्ठ चिकित्सक डॉ. राम बाबू सिंह बताया कि हमारे कानों का दिल से सीधा कनेक्शन होता है। मतलब जो भी आवाज कान में पड़ती है, वह नसों से जरिए दिल तक पहुंचती है। लगातार डीजे का साउंड कानों में पड़ता है तो हार्ट बीट बढ़ जाती है, जो स्ट्रेस, एंग्जाइटी को बढ़ा सकती है। ऐसे हालात में कान की नसों का खून गाढ़ा होने लगता है औऱ लंबे समय तक ऐसा रहने से हार्ट अटैक आ सकता है। बहरेपन की भी संभावना बढ़ जाती है।
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डीजी के तेज आवाज से 10 लोगों की जा चुकी श्रवण शक्ति…
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मेडिकल कॉलेज के ईएनटी (नाक-कान और गला) विभागाध्यक्ष डॉ. एसके कश्यप ने बताया- कि डीजे की तेज आवाज से साल भर में 10 से ज्यादा लोगों की श्रवण शक्ति खत्म हो चुकी है। 140 डेसीबल साउंड में पांच मिनट रहने से कान के पर्दे, सुनने की नस और कोशिकाओं को नुकसान पहुंचता है। इससे सुनना बंद हो जाता है। लंबे उपचार के बाद कुछ लोगों में ही सुनने ही क्षमता लौटती है। बोर्ड की परीक्षा सिर पर है। रात के वक्त बच्चे तैयारी कर रहे हैं पर पास ही बने विवाह घर से देर रात तक डीजे बजने के कारण बच्चों को पढ़ने में परेशानी हो रही है। इससे घर में मौजूद बुजुर्गाें को बेचैनी हो रही है। दूसरी ओर बच्चों की नींद में भी व्यवधान पड़ रहा है। रविवार की रात 10 बजे के बाद भी तेज आवाज में डीजे बजता रहा। – मनोज अग्रवाल, मिशन कंपाउंड