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Jhansi News : उत्तर प्रदेश के डिफेंस कॉरिडोर के विकास को लेकर राज्य सरकार ने बड़े कदम उठाए हैं। हाल ही में पेश किए गए बजट में डिफेंस कॉरिडोर के लिए 461 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जो कि प्रदेश की औद्योगिक बुनियाद को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। यह परियोजना न केवल राज्य की रक्षा क्षेत्र से संबंधित उद्योगों को बढ़ावा देगी, बल्कि इससे रोजगार के भी नए अवसर उत्पन्न होंगे। डिफेंस कॉरिडोर के तहत विभिन्न रक्षा उद्योगों, तकनीकी कंपनियों, और उपकरणों के निर्माण के लिए आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जाएगा, जिससे राज्य की आर्थिक स्थिति और औद्योगिक विकास में तेजी आएगी। यह कदम उत्तर प्रदेश को एक रक्षा उत्पादन हब बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण है, साथ ही देश के रक्षा आत्मनिर्भरता को भी बढ़ावा मिलेगा। सरकार की योजना है कि इस कॉरिडोर से जुड़ी कंपनियों को बेहतर सुविधा और प्रोत्साहन मिले, ताकि अधिक से अधिक निवेश आकर्षित किया जा सके और राज्य में रक्षा उत्पादों का निर्माण बढ़ सके।
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प्रदेश सरकार की ओर से बृहस्पतिवार को विधानसभा में पेश किए गए बजट में बुंदेलखंड डिफेंस कॉरिडोर के लिए 461 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इस धनराशि का उपयोग डिफेंस कॉरिडोर के झांसी नोड को बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे से लिंक करने में किया जाएगा। इससे दिल्ली, नोएडा व देश के अन्य हिस्सों से आने वाले निवेशकों के लिए यहां पहुंचना आसान होगा। गरौठा तहसील में डिफेंस कॉरिडोर विकसित किया जा रहा है। इसका निर्माण एरच कस्बे से सटे छह गांवों की 1034 हेक्टेयर जमीन पर किया जा रहा है। कॉरिडोर में यूनिट की स्थापना के लिए 12 निवेशक करार कर चुके हैं। उन्हें यहां जमीन भी आवंटित की जा चुकी है लेकिन, यूनिट की स्थापना का काम रक्षा मंत्रालय की सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी भारत डायनामिक्स लिमिटेड (बीडीएल) ने ही शुरू किया है। बीडीएल यहां मिसाइल बनाने की इकाई स्थापित करने जा रही है। बाकी निवेशकों के प्रस्ताव अभी कागजों में ही कैद हैं। इसकी बड़ी वजह डिफेंस कॉरिडोर तक पहुंचने के लिए सुगम रास्ते का न होना है। लेकिन, अब इस कमी को दूर करने के लिए सरकार की ओर से बजट में 461 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है।