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महाकुंभ की समाप्ति के बाद बृहस्पतिवार को आठ ट्रेनों से लगभग 14 हजार श्रद्धालु प्रयागराज से झांसी लौटे। श्रद्धालुओं के लौटने का यह क्रम सुबह से लेकर शाम तक चलता रहा। इस दौरान प्रयागराज रेलवे स्टेशन पर खासी भीड़ देखी गई, क्योंकि लोग महाकुंभ में शामिल होने के बाद अपने घरों की ओर वापस लौट रहे थे। यह वापसी यात्रा सुगम बनाने के लिए रेलवे प्रशासन ने विशेष व्यवस्था की थी, ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी न हो। ट्रेनें समय पर चलने के साथ-साथ स्टेशन पर भीड़ नियंत्रण के लिए अतिरिक्त सुरक्षा उपाय किए गए थे। इस दौरान श्रद्धालुओं ने महाकुंभ के अपने अनुभवों को साझा करते हुए यात्रा का आनंद लिया, और श्रद्धा के साथ घर लौटने की प्रक्रिया पूरी की।
महाकुंभ की शुरुआत के साथ ही वीरांगना लक्ष्मीबाई, झांसी स्टेशन पर प्रयागराज जाने वाले यात्रियों की भीड़ उमड़ने लगी थी। शुरुआत में नियमित रूप से चार मेला स्पेशल ट्रेनों का संचालन किया गया, लेकिन भीड़ के आगे रेलवे की यह व्यवस्था नाकाफी रही। इसके बाद रेल प्रशासन ने बड़ी संख्या में अतिरिक्त ट्रेनें भी चलाईं। झांसी रेल मंडल के अलग-अलग स्टेशनों से 348 ट्रेनें प्रयागराज के लिए भेजी गईं।
महाकुंभ की समाप्ति के बाद बृहस्पतिवार को जाने वाले यात्रियों की संख्या कम हुई। हालांकि, आने वाले श्रद्धालु काफी संख्या में रहे। सुबह आठ से रात दस बजे तक प्रयागराज से श्रद्धालुओं को लेकर आठ ट्रेनें यहां पहुंचीं, जिनसे 14 हजार यात्री झांसी रेलवे स्टेशन पर उतरे। इनमें ज्यादातर यात्री आसपास के जनपदों के रहे। जनसंपर्क अधिकारी मनोज कुमार ने बताया कि प्रयागराज से यात्रियों को लाने के लिए लगातार ट्रेनों का संचालन किया जा रहा है।