बाँदा| नरैनी रोड़ स्थित वृद्ध आश्रम मे फादर डे के मौके पर पहुंच कर जेडीयू की प्रदेश अध्यक्ष शालिनी सिंह पटेल और नगर पालिका कि ईओ नीलम चौधरी वृद्ध जनों के साथ केक काट कर मनाया फादर डे और शालिनी सिंह सिंह पटेल ने सभी वृद्ध जनो का हल्दी कुमकुम से तिलक भी किया एवं लड्डू भी खिलाया वहीं पर फल साबुन जरूरत की सामग्री बुजुर्गों को बाटा वृद्ध जनो के चेहरों पर मुस्कान आ गई बुजुर्गों ने बताया की जब भी शालिनी सिंह पटेल आती है,हमसे मिलने हमको लगता है हमारी बेटी आ गई हमारा हृदय खुश हो जाता है और सभी वृद्ध जनों ने आशीर्वाद देकर आगे बढ़ने व लंबी उम्र की कामना भी किया, वहीं पर नगर पालिका ईओ नीलम चौधरी के साथ मौजूद रहे लेखाकार उमाकांत शुक्ला राकेश कुमार महेश गोस्वामी आदित्य गोस्वामी समाज सेवी दिनेश सिंह आदि लोग रहे मौजूद,भारत में माता-पिता को भगवान का दर्जा दिया जाता है।माँ का लाड-प्यार सबको नजर आता है लेकिन पिता की भावनाएं जल्दी कोई नहीं समझ पाता। बच्चे के जन्म लेने के बाद से एक पिता के लिए उसका बच्चा उसकी जान बन जाता है।बच्चे की सभी जरूरतों से लेकर उसकी बेतुकी मांगों को पूरा करना एक पिता की जिम्मेदारी बन जाती है।अपने परिवार के लिए पिता सालों मेहनत करता है ताकि उनका बच्चा और परिवार एक आरामदायक जिंदगी जी सके। माँ से हर कोई प्यार जताता है लेकिन पिता के सामने बच्चे इतनी जल्दी अपनी भावनाएं व्यक्त नहीं कर पाते हैं।इसलिए पिता को उसकी अहमियत बताने और यह जताने के लिए कि सब उनसे कितना प्यार करते हैं, एक खास दिन मनाया जाता है।जिसे ‘फादर्स डे’ यानी कि ‘पिता दिवस’ कहते हैं।वैसे तो कोई भी दिन काफी नहीं है हमें अपने पापा के लिए अपना प्यार दिखाने को पर यह दिन दुनिया भर में पिता के लिए मनाया जाता है।इसलिए हर साल की तरह इस साल भी यह 16 जून दिन रविवार को मनाया गया।इस दिन एक बच्चे का उसके पिता से कितना जुड़ाव है वह सामने आता है।बच्चे अक्सर अपने पिता से अपनी मन की बाते नहीं कर पाते हैं और वो ऐसे ही दिन का इंतजार करते हैं जिसमे वो उनके लिए कुछ खास कर सकें।इस दिन बच्चे अपने पिता को विश करते हैं,गिफ्ट देते हैं,उनके साथ समय बिताते हैं
इन दिनों फादर्स डे हर देश में मनाया जाने लगा है।लेकिन इसकी शुरुआत अमेरिका से हुई थी और इसके बाद ये दुनिया भर में मनाया जाने लगा।बता दें कि फादर्स डे पहली बार साल 1908 में 5 जुलाई को वेस्ट वर्जीनिया में रॉबर्ट वेब द्वारा चर्च वेब में फेयरमोंट में सेंट्रल मेथोडिस्ट के नाम से मनाया गया था। साल 1909 में फादर्स डे के उपदेश को सुनते हुए,सोनोरा स्मार्ट डोड ने,पिता दिवस मनाने का निर्णय लिया, क्योंकि उनके पिता ने उनकी माँ की मृत्यु के बाद सभी बच्चों को अकेले पाला था। उनके इस प्यार और संघर्ष को देखते हुए वह उनके लिए सम्मानित कार्य करना चाहती थी।इसलिए उन्होंने 1910 में 19 जून को फादर्स डे के रूप में मनाया।उसके बाद से यह दिन अमेरिका के कई शहरों में मनाया जाने लगा।साल 1916 में विल्सन ने इस दिन को ऑफिशियल बना दिया।साल 1966 में,राष्ट्रपति लिंडन बी. जॉनसन ने पहली बार राष्ट्रपति के तौर पर पिताओं के सम्मान के लिए हर साल जून के तीसरे रविवार को फादर्स डे मनाने का फैसला लिया।भारत में भी इस दिन को बहुत धूम-धाम से मनाया जाता है और पिता को खुशी और सम्मान दिया जाता है।