बांग्लादेश की जेल में बंद इस्कॉन के पूर्व नेता चिन्मय दास की जमानत याचिका खारिज कर दी गई है. वे पिछले 42 दिनों से जेल में बंद हैं. ये दूसरी बार है जब कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका खारिज की है. कोर्ट की तरफ से याचिका खारिज होने पर कई लोगों की नाराजगी भी सामने आ रही है.
इस मामले पर अब टीएमसी महासचिव और सांसद अभिषेक बनर्जी ने कहा कि भारत सरकार को इस मामले को लेकर आगे आना चाहिए, और बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के साथ मिलकर उठाना होगा. उन्होंने कहा कि यह मेरे विशेषाधिकार या जनादेश के तहत नहीं है. अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को भी इसे लेकर बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के सामने सख्ती से उठाना चाहिए. यह मानवाधिकारों का खुला उल्लंघन है.
केंद्र सरकार को कौन रोक रहा?
अभिषेक बनर्जी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि केंद्र सरकार को कौन रोक रहा है? उन्हें इस मामले पर बात करनी चाहिए. हमारी पार्टी के नजरिये से हमने पहले दिन से ही अपना रुख बिल्कुल साफ कर दिया है. केंद्र सरकार जो भी कदम उठाएगी – एक पार्टी के तौर पर टीएमसी हर भारतीय की सुरक्षा के लिए केंद्र सरकार का पूरा समर्थन करेगी. उन्होंने आगे कहा कि हम चाहते हैं कि वे उन लोगों को जवाब दें जो हमें प्रताड़ित कर रहे हैं और हमें ही आंख दिखा रहे हैं. अभिषेक बनर्जी ने बांग्लादेश के मुद्दे केंद्र सरकार से जवाब देने की बात कही है.
11 वकील पहुंचे थे कोर्ट
चिन्मय दास के वकील बीमारी के कारण अस्पताल में भर्ती हैं, यही कारण है कि उनकी तरफ से अन्य वकीलों ने सुनवाई में भाग लिया. सुप्रीम कोर्ट के 11 वकील चिन्मय कृष्ण दास की जमानत की सुनवाई का प्रतिनिधित्व करने के लिए गए थे. डेली स्टार की रिपोर्ट के अनुसार जज ने करीब 30 मिनट तक दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद जमानत याचिका खारिज कर दी.
बांग्लादेश के हालात खराब
बांग्लादेश के हालात किसी से छिपे नही हैं, वहां हर रोज अल्पसंख्यक समुदाय पर हमले की खबरें सामने आती रहती हैं. इसके साथ ही उनके धार्मिक स्थलों को भी निशाना बनाया जाता है. बांग्लादेश के हालात खबरा हैं. चिन्मय दास की जमानत याचिका खारिज होने के बाद से ही लोग कई तरह के सवाल उठा रहे हैं.