आपसी विवाद में दो पक्षों के बीच जमकर हुई थी मारपीट, बना हुआ है पीड़ितों को खतरा
बाराबंकी। बीते 22 जुलाई को जैदपुर थाना क्षेत्र के टेरा गांव में आपसी विवाद को लेकर दो पक्षों में जमकर मारपीट हुई थी। जिसमें दोनों पक्षों की ओर से लगभग एक दर्जन लोग घायल हो गए थे। घायलों का मेडिकल कराकर दोनों पक्षों की शिकायत के आलोक में पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। वहीं इस बारे में जैदपुर थाना प्रभारी ने जानकारी देते हुए बताया कि टेरा गांव में दो पक्षों की ओर से मारपीट की गई थी, और इसमें दोनों पक्ष की ओर से कई लोग घायल हुए थे। दोनों पक्षों की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर लिया है। पुलिस घटना की जांच में जुट गई है। मामला पंचायत चुनाव से संबंधित पुरानी रंजिश का बताया जा रहा है। जिसमें एक पक्ष के मोहम्मद फहद पुत्र अब्दुल वद्दू ने थाने में शिकायती पत्र में बताया कि बीती 22 जुलाई की रात करीब 9 बजे अपने चचेरे भाईयों के साथ घर आ रहा था तभी विपक्षी इस्तिखार पुत्र अय्यूब, शादाब पुत्र मुमताज, आमिर पुत्र मुश्ताक, सालिम पुत्र इम्तियाज, आकिल पुत्र इम्तियाज, तारिक पुत्र मुश्ताक, शाहिद पुत्र उस्मान, फरहान पुत्र मुख्तार व दो तीन अज्ञात ने ने लाठी डण्डों से जानलेवा हमला कर दिया। वहीं विपक्षी मो शाहिद पुत्र उस्मान ने थाने में शिकायती पत्र देते हुए बताया कि पुरानी रंजिश को मानते हुए मो फहद आपने भाईयों के साथ आए और मारपीट की। इस घटना में दोनों पक्षों से कई लोग घायल हुए। थाना प्रभारी ने बताया कि मामले की छानबीन के बाद अग्रेत्तर कार्रवाई की जाएगी।
सूत्रों की माने तो बीते साल गैंगस्टर एक्ट के अंतर्गत टेरा निवासी इस्तिखार पुत्र अय्यूब के भतीजों के खिलाफ जिला प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की थी। इस कार्रवाई में अवैध रूप से अर्जित की गई संपत्ति को जिला प्रशासन ने कुर्क करने के आदेश दिए थे। वहीं यह भी जानकारी में आया है कि इस्तिखार के भतीजे आमिर, तारिक, शादाब और मुशेब पर पुलिस ने एनडीपीएस की कार्रवाई में उन्हें जेल भी जाना पड़ा था। वहीं पीड़ित मो. फहद बताते है कि इस्तिखार के बड़े भाई मुश्ताक पुत्र अय्यूब लगभग पिछले चार दशक से प्रधान हैं। इस दौरान उन्होंने अपने पद का दुरूपयोग करके तालाब की सरकारी भूमि पर घर भी बनवा लिया है। यही नहीं गांव की कई सरकारी जमीनों पर भी कब्जा करके रखा है। विरोध करने पर पिटवाने की धमकी देते है। मो फहद बताते हैं कि बीते साल हुए पंचायत चुनाव में राकेश वर्मा पहली बार गैर मुस्लिम का प्रधान बने। इस घटना के बाद इस्तिखार ने मेरे परिवार को अपना निजी दुश्मन बना लिया और आए पीट करते। पुलिस में शिकायत होती तो वह अपने रसूख से मामले का निपटारा करा देते। इस कारण पूरा गांव उनकी दबंगई से भयभीत है।