भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने के लिए नरेंद्र मोदी सरकार के लिए बुनियादी ढांचा, निवेश, नवाचार और समावेशिता (सबको साथ लेकर चलना) चार प्रमुख क्षेत्रों पर फोकस करने की जरूरत है।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को वाशिंगटन में ये बातें कही।
पेन्सिल्वेनिया विश्वविद्यालय के व्हार्टन स्कूल के छात्रों के साथ बातचीत में वित्त मंत्री ने कहा कि किसानों, महिलाओं, युवाओं और गरीबों की जरूरतों को पूरा करने की जरूरत है। सीतारमण मंगलवार की दोपहर अंतराष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक की वार्षिक बैठकों में भाग लेने वाशिंगटन पहुंचीं। वे न्यूयॉर्क से वाशिंगटन डीसी तक कार से गईं और पेनसिल्वेनिया विश्वविद्यालय में रुकीं।
सीतारमण ने छात्रों से कहा, “जिस वर्ष हम ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता की 100वीं वर्षगांठ मना रहे होंगे, यानी 2047 में, हम एक विकसित देश बनना चाहते हैं और बनने की आकांक्षा रखते हैं।”
वित्त मंत्री ने कहा कि इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सरकार ने चार प्रमुख क्षेत्रों की पहचान की है – ये हैं बुनियादी ढांचा, निवेश, नवाचार और समावेशिता।
उन्होंने कहा, “पहला है बुनियादी ढांचा, चाहे वह पुल और बंदरगाह जैसे भौतिक हो या डिजिटल जो कई अलग-अलग उद्देश्यों के लिए महत्वपूर्ण है। दूसरा इसमें निवेश करना होगा। इसमें निजी निवेश भी शामिल है। लेकिन इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि पूरे काम को शुरू करने के लिए सार्वजनिक तौर पर निवेश होना चाहिए।”
सीतारमण ने कहा कि फोकस का तीसरा क्षेत्र नवाचार है और उन्होंने भारत और उसकी आकांक्षाओं से जुड़ी समस्याओं के लिए नवीन समाधानों की आवश्यकता पर बल दिया।
उन्होंने कहा, “जिन चीजों के लिए हम समाधान चाहते हैं, उनमें से कई को कहीं और बनाकर भारत नहीं पहुंचाया जा सकता। इससे लागत बढ़ जाएगी और यह उपयुक्त नहीं होगा। इसे लिए हम समाधान चाहते हैं। हम अपनी कई समस्याओं के लिए त्वरित समाधान चाहते हैं। नवाचारों के मामले में यही चुनौती बन जाती है।”
सीतारमण ने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण बात है समावेशिता। उन्होंने कहा, “हम जो कुछ भी करते हैं, उसमें हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि सभी को उसमें शामिल किया जाए।”
उन्होंने यह भी कहा, “संविधान में सकारात्मक कार्रवाई का प्रावधान है। आपको गरीबों का उत्थान करना होगा, आपको अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों का उत्थान करना होगा। यह संविधान में दी गई प्रतिबद्धता है।” वित्त मंत्री ने कहा कि इसके अलावा चार समूहों- किसानों, महिलाओं, युवाओं और गरीबों की जरूरतों को पूरा करने की जरूरत है और यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि उन्हें संसाधनों और अवसरों तक पहुंच मिले।