जिला अस्पताल मे जांच मशीने हुई ख़राब, निराश लौटे मरीज

उन्नाव। जिला अस्पताल में किडनी, लिवर व सीटी स्कैन कराने के लिये आने वाले मरीजों को निराश लौटना पड़ा । बिगड़ी मशीनों में तकनीकी खामी को दूर करने में इंजीनियर जुटे हैं, जिससे किडनी व लिवर की जांच जल्द शुरू होने की उम्मीद है। लेकिन सीटी स्कैन के लिए मरीजों को अभी कुछ दिन और असुविधा झेलनी पड़ सकती है।

बता दें, जिला अस्पताल के इमरजेंसी ब्लाक में गंभीर रोगियों की जांच के लिए डाक्टर के परामर्श पर नि:शुल्क सीटी स्कैन की सुविधा सरकार द्वारा मुहैया कराई गई है। बीते मंगलवार दोपहर दो मरीजों की जांच के बाद सीटी स्कैन मशीन के स्कैनर के साफ्टवेयर में अचानक खराबी आ गई थी। इसके बाद टेक्नीशियन के प्रयास के बाद भी खामी दूर नहीं हो सकी। जिससे सिर की चोट व अन्य गंभीर बीमारी से ग्रसित रोगियों को लौटना पड़ा।

सीएमएस आरए मिर्जा द्वारा तकनीकी खराबी की जानकारी देते हुए उम्मीद जतायी गई थी कि बुधवार तक सीटी स्कैन मशीन दुरुस्त हो जाएगी। लेकिन ऐसा नहीं हो पाया है। इससे लगातार दूसरे दिन मरीजों को असुविधा हुई। रोजाना जिला अस्पताल में औसतन 20-25 मरीजों की जांच डाक्टरों के परामर्श पर होती है। अस्पताल के सूत्र बताते हैं कि सीटी स्कैन मशीन के कई पार्ट्स विदेश से भी मंगाने पड़ते हैं। यदि ऐसा हुआ तो मरीजों को अभी और परेशानी उठानी पड़ सकती है।

दूसरी ओर जिला अस्पताल की पुरुष ओपीडी में औसतन 700 से 800 रोगी पहुंचते है। जिनमें करीब 100 से 150 रोगियों की बीमारी का सही कारण जानने व उचित इलाज के लिये किडनी व लिवर की जांच कराने की सलाह दी जाती है। जिला अस्पताल में अक्सर सिलेक्ट्रा मशीन खराब होने से मरीजों के रक्त नमूनों की जांच नहीं हो पाती है। वहीं अचानक बायो केमेस्ट्री मशीन भी खराब हो गई थी। जिसकी मरम्मत के लिए इंजीनियर को बुलाया गया। लेकिन, गुरुवार को भी ओपीडी के समय तक जांच शुरू नहीं हो पायी। जिससे केएफटी (किडनी फंक्शन टेस्ट ) व एलएफटी (लीवर फंक्शन टेस्ट) की जांच बाधित रही।

वहीं दो दिन से जांच बंद होने से मरीजों को मजबूरी में निजी जांच केंद्रों का सहारा लेना पड़ा। वहीं जिला पुरुष अस्पताल में रेडियोलाजिस्ट न होने से लंबे समय से अल्ट्रासाउंड कक्ष में भी ताला लटक रहा है। सीएमएस ने बताया कि मशीन खराबी की सूचना दे दी गई है। उम्मीद है गुरुवार शाम तक जांचे शुरू हो जाएंगी।

सीटी स्कैन को रोजाना पहुँचते हैं लगभग आधा सैकड़ा मरीज

रोजाना सड़क हादसों समेत तमाम दुर्घटनाओं में घायल मरीजों में लगभग आधा सैकड़ा से अधिक मरीज सीटी स्कैन के लिये पहुंचते हैं। मशीन खराब होने से सभी को अगले दिन बुलाया गया, लेकिन मशीन ठीक न होने से कई मरीज बाहर से भी जांच कराने की बात करते रहे।

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