इंफाल। मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने मंगलवार (24 अक्टूबर) को कहा कि उनकी सरकार राज्य में अवैध अप्रवासियों को कभी स्वीकार नहीं करेगी। उन्होंने मणिपुर पुलिस की सराहना करते हुए कहा कि सोमवार को चूड़ाचांदपुर से म्यांमार के उग्रवादी संगठन चिन कुकी लिबरेशन आर्मी (सीकेएलए) के दो सदस्यों की गिरफ्तारी से राज्य की जातीय हिंसा में बाहरी समूहों की भागीदारी की बात सामने आई है।
गत मई की शुरुआत में भड़की जातीय हिंसा में 180 से अधिक लोगों की मौत हो गई है। सीएम बीरेन सिंह इंफाल पूर्वी जिले के एंड्रो में तीन परियोजनाओं के शिलान्यास समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मैं पारंपरिक और सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त 34 समुदायों के बीच पुराने संबंध कायम रखने के लिए आपका समर्थन चाहता हूं।
हमारा मामला केंद्र सरकार ने उठाया है- सीएम
उन्होंने कहा कि 34 स्वदेशी समुदायों के लोगों के घर वाला राज्य का मोइरांग का जातीय पार्क लोगों के बीच भावनात्मक संबंधों का प्रमाण है। साथ ही कहा कि हमारा मामला केंद्र सरकार ने उठाया है। एनआईए ने भी स्पष्ट किया कि मणिपुर में मामला न तो अल्पसंख्यक और बहुसंख्यक और न ही हिंदू और ईसाइयों के बीच का है।
भारत-म्यांमार सीमा से सीकेएलए के दो सदस्य गिरफ्तार
मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने कहा कि यह मणिपुर के संगठनों के साथ मिलकर म्यांमार और बांग्लादेश के आतंकी समूहों द्वारा देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने का मामला है। सीकेएलए के दो सदस्यों की गिरफ्तारी से भी यह बात स्पष्ट हो चुकी है। मणिपुर पुलिस ने भारत-म्यांमार सीमा से लगे चैजांग क्षेत्र से सोमवार को सीकेएलए के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया था। इनके कब्जे से बड़ी संख्या में हथियार और कारतूस समेत नकदी और अफीम बरामद की गई थी।