कोलकाता। पड़ोसी देश बांग्लादेश में आरक्षण के विरोध के कारण मालवाहक ट्रकों की आवाजाही नहीं हो पा रही है। अधिकारियों ने सोमवार को कहा कि हिंसा के कारण भारत और बांग्लादेश के बीच भूमि बंदरगाहों के जरिए होने वाला कारोबार लगातार दूसरे दिन भी ठप रहा। हालांकि, यात्रियों की आवाजाही हो रही है, लेकिन इसकी भी संख्या कम हो गई है।
बांग्लादेश से करीब 700 छात्र पहुंचे पेट्रापोलः अधिकारी
लैंड पोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (पेट्रापोल) के प्रबंधक कमलेश सैनी ने बताया कि दोनों देशों के बीच व्यापार अभी भी शुरू नहीं हो पाया है। हालांकि, लोगों की आवाजाही इस दौरान जारी है। उन्होंने बताया कि बांग्लादेश से अब तक 700 से अधिक छात्र पेट्रापोल पहुंच चुके हैं। छात्रों को नाश्ता और पानी जैसी बुनियादी जरूरतों की सहायता के लिए पेट्रापोल में एक सहायता डेस्क बनाया गया है।
कब से बंद है ट्रकों की आवाजाही?
कमलेश सैनी के मुताबिक, पड़ोसी देश में जारी हिंसा के कारण अब तक करीब 100 लोगों की मौत हो गई है। वहीं, हिंसा शुरू होने के बाद से अब तक 4,500 से अधिक भारतीय छात्र बांग्लादेश से अपने घर लौट चुके हैं। सेन के मुताबिक, पेट्रापोल भूमि बंदरगाह का बांग्लादेश वाला हिस्सा अभी भी बंद है, जिसके कारण मालवाहक ट्रकों की आवाजाही रविवार से ही बंद है। मालूम हो कि भारत और बांग्लादेश के बीच भूमि आधारित व्यापार का लगभग एक तिहाई हिस्सा पेट्रापोल के जरिए होता है।
माल पहुंचाने के बाद बांग्लादेश में ही फंसे हैं कई ट्रक
वहीं, बांग्लादेशी सीमा शुल्क कार्यालय बंद होने के कारण गोजाडांगा, फुलबारी और महादीपुर सहित पश्चिम बंगाल के अन्य भूमि बंदरगाहों के माध्यम से होने वाला व्यापार भी अभी तक निलंबित है। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, भारतीय अधिकारी माल पहुंचाने के बाद बांग्लादेशी सीमा पर फंसे ट्रकों और ड्राइवरों की वापसी के लिए अपने समकक्षों के साथ चर्चा कर रहे हैं।