फतेहपुर-बाराबंकी। नगर के सरस्वती शिशु मंदिर इंटर कॉलेज में तीन दिवसीय कार्यक्रम में आचार्य विकास वर्ग के तीसरे दिन वंदना सत्र के दौरान मुख्य अतिथि भारतीय शिक्षा समिति के प्रदेश निरीक्षक रामजी सिंह द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति में उल्लेखित समग्र विकास की संकल्पना के बारे में विस्तार से अपनी बात रखते हुए कहा, कि विद्यालय हित में पूर्ण मनोयोग से प्रत्येक गतिविधियों में प्रतिभाग लेकर आचार्य और छात्र-छात्राएं पूर्णता की प्राप्ति का प्रयास कर सकते है।
मालूम हो कि नगर के सरस्वती शिशु मंदिर इंटर कॉलेज में वंदना सत्र का कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस दौरान विद्या भारती द्वारा आदर्श विद्यालय की संकल्पना पर चर्चा राजेंद्र बाबू ने की। उन्होंने बताया कि आदर्श विद्यालय के मूल्यांकन बिंदुओ में भारतीय जीवन मूल्य, समाज पोषित शिक्षा, मातृभाषा में शिक्षा, पंचकोश समन्वय,लक्ष्य के अनुरूप कार्य किए जाने चाहिए। विद्यालय की मूलभूत सुविधाएं जैसे पेयजल, विद्युत, प्रसाधन, पहुंच मार्ग, पर्यावरण संरक्षण और जल संरक्षण योजना आवश्यक है।
प्रभावी कक्षा शिक्षण के अंतर्गत वर्षिक कार्ययोजना, आदर्श समय सारणी का नियोजन, सहायक सामग्री का प्रयोग, पंचपदी शिक्षण, पूर्व तैयारी से शिक्षण, सतत और व्यापक मूल्यांकन, विषय विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षण अति आवश्यक है। छात्र-छात्राओं के लिए समर्थ पुस्तकालय भी हर विद्यालय में होना चाहिए, जिसमे देश भक्ति महापुरुषों की जीवनी व उनके आदर्शों जानकारी हर एक छात्र-छात्राओं को होनी चाहिए। इस मौके पर विद्यालय के कोषाध्यक्ष विजय जैन द्वारा आए अतिथि, प्रधानाचार्य सहित उपस्थित सभी आचार्य, आचार्या, का आभार प्रदर्शित किया।