नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली यूनिवर्सिटी प्रशासन को निर्देश दिया है कि वो दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ के आगामी चुनावों में महिलाओं को 50 फीसदी आरक्षण देने की मांग पर प्रतिवेदन के रूप में विचार करें। कार्यकारी चीफ जस्टिस मनमोहन की अध्यक्षता वाली बेंच ने दिल्ली यूनिवर्सिटी को तीन हफ्ते में फैसला लेने का निर्देश दिया।
यह याचिका शबाना हुसैन ने दायर की थी। याचिकाकर्ता की ओर से वकील आशु बिधूड़ी ने कहा था कि दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ के चुनाव में धन और जन बल का काफी प्रयोग होता है जिसकी वजह से महिलाएं चुनाव में हिस्सा नहीं ले पाती हैं। याचिका में दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ के चुनाव में महिलाओं को 50 फीसदी आरक्षण देने का दिशा-निर्देश जारी करने की मांग की गई थी।
दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ के चुनाव का नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है। इसके लिए 17 सितंबर से नामांकन दाखिल किए जा सकेंगे। दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ के लिए मतदान 27 सितंबर को होंगे जबकि 28 सितंबर को मतगणना की जाएगी। 2023 में भी सितंबर माह में ही छात्र संघ चुनाव संपन्न हुए थे। उस दौरान तीन पदों पर भाजपा से संबद्ध छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने अध्यक्ष समेत तीन केंद्रीय पैनलों पर जीत दर्ज की थी। एबीवीपी ने अध्यक्ष के अलावा सचिव और संयुक्त सचिव के पद पर जीत हासिल की थी। वहीं कांग्रेस के छात्र संगठन भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई) ने उपाध्यक्ष पद पर जीत दर्ज की थी। दिल्ली विश्वविद्यालय के 68 कॉलेजों में से करीब 50 कॉलेज छात्रसंघ चुनाव में भाग लेते हैं। बाकी कॉलेजों का अपने कॉलेज स्तर का छात्र संघ का चुनाव अलग होता है।