कोलकाता। भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने आखिरकार बंगाल की हाई प्रोफाइल आसनसोल लोकसभा सीट से बुधवार को अपने नए प्रत्याशी के नाम की घोषणा कर दी। पार्टी ने इस सीट से वरिष्ठ नेता एसएस अहलुवालिया को टिकट दिया है।
सिख समुदाय से आने वाले अहलुवालिया फिलहाल आसनसोल के ठीक बगल वाली सीट बर्द्धमान-दुर्गापुर से सांसद हैं। आसनसोल में अहलुवालिया का मुकाबला तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार व निवर्तमान सांसद व अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा से होगा।
पिछले चुनाव में अहलुवालिया ने बर्द्धमान-दुर्गापुर सीट से जीता था चुनाव
इससे पहले 2019 के पिछले लोकसभा चुनाव में अहलुवालिया ने बेहद करीबी मुकाबले में महज करीब ढाई हजार वोट से भाजपा के टिकट पर बर्द्धमान-दुर्गापुर सीट से जीत दर्ज की थी। इस बार उस सीट से भाजपा ने मेदिनीपुर से सांसद दिलीप घोष को उतारा है।
भाजपा ने उससे पहले 2014 के लोकसभा चुनाव में अहलुवालिया को उत्तर बंगाल की महत्वपूर्ण दार्जिलिंग सीट से उतारा था, जहां उन्होंने भारी मतों से जीत दर्ज की थी। इस बार आसनसोल को लेकर भाजपा 2014 से अब तक तीन चुनावों में अहलुवालिया को बंगाल की तीन अलग-अलग लोकसभा सीटों से उतार चुकी है।
पवन सिंह ने इस सीट से चुनाव लड़ने से किया था इनकार
बता दें कि भाजपा ने इस बार आसनसोल सीट से भोजपुरी अभिनेता पवन सिंह को पहले टिकट दिया था। लेकिन पिछले महीने टिकट की घोषणा के अगले ही दिन सिंह ने आसनसोल से चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था। इसके बाद से ही इस सीट पर प्रत्याशी को लेकर अटकलों का बाजार गर्म था।
आसनसोल को लेकर भाजपा अब तक बंगाल की कुल 42 में से 41 लोकसभा सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर चुकी है। अब एकमात्र डायमंड हार्बर सीट के लिए अब तक पार्टी ने अपने प्रत्याशी के नाम की घोषणा नहीं की है। डायमंड हार्बर से तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी लगातार तीन बार से जीतते आ रहे हैं।
2014 और 2019 में आसनसोल में जीती थी भाजपा
बता दें कि हिंदी भाषी बहुल आसनसोल सीट से भाजपा के टिकट पर 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में बाबुल सुप्रियो ने जीत दर्ज की थी। केंद्रीय मंत्रिमंडल से हटाए जाने के बाद 2022 में बाबुल सुप्रियो ने भाजपा छोड़ने के साथ सांसद पद से भी इस्तीफा दे दिया था।
सुप्रियो भाजपा छोड़कर तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए थे। इसके बाद इस सीट पर हुए उपचुनाव में तृणमूल के टिकट पर अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा ने जीत दर्ज की थी। इस बार तृणमूल ने फिर से सिन्हा को उतारा है।