देश के 76 वें गणतंत्र दिवस समारोह में इंडोनेशियाई राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो शामिल हुए. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो के साथ बग्घी में बैठकर कर्तव्य पथ आईं. यह परंपरा 40 साल के अंतराल के बाद 2024 में फिर से शुरू की गई थी. परेड की शुरुआत कल्चर मिनिस्ट्री के सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ हुई. 300 आर्टिस्टों ने वाद्य यंत्र बजाते हुए परेड निकाली. इसके बाद इंडोनेशिया के सैन्य जवानों का दस्ता परेड करते हुए कर्तव्य पथ पर गुजरा.
इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो इस साल के गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि हैं. इसके साथ ही वह विश्व के उन चुनिंदा नेताओं की सूची में शुमार हो गए जिन्होंने पिछले सात दशकों में देश के सबसे बड़े समारोह की शोभा बढ़ाई है.
सुबियांतो गणतंत्र दिवस समारोह में भाग लेने वाले इंडोनेशिया के चौथे राष्ट्रपति हैं. इंडोनेशिया के पहले राष्ट्रपति सुकर्णो 1950 में, भारत के पहले गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि थे. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 76वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर कर्तव्य पथ पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया. इसके बाद राष्ट्रगान और 21 तोपों की सलामी दी गई.
पीएम मोदी ने की अगवानी
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और सुबियांतों के परेड समारोह में पहुंचते ही दर्शकों ने तालियों की गड़गड़ाहट के साथ उनका स्वागत किया. राष्ट्रपति मुर्मू और सुबियांतो ने भी नमस्ते की मुद्रा में उनका अभिवादन स्वीकार किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनकी अगवानी की. इसके बाद सुबियांतो से पीएम मोदी गले भी मिले.
‘सारे जहां से अच्छा की धुन बजाकर हुई परेड की शुरुआत
भारतीय वायुसेना की 129 हेलीकॉप्टर यूनिट के एमआई-17 हेलिकॉप्टरों ने कर्तव्य पथ पर उपस्थित अतिथियों और दर्शकों पर पुष्प वर्षा की. इसके अलावा परेड में इंडोनेशिया का 352 सदस्यीय मार्चिंग और बैंड दस्ते ने भी भाग लिया. औपचारिक परेड की शुरुआत 300 सांस्कृतिक कलाकारों द्वारा देश के विभिन्न हिस्सों का प्रतिनिधित्व करने वाले वाद्य यंत्रों पर सारे जहां से अच्छा की धुन बजाकर की गई.