तिरुचिरापल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि भारतीय युवा एक साहसी और नयी दुनिया बना रहे हैं तथा हमारे नवोन्मेषकों ने पेटेंट की संख्या बढ़ाकर अब लगभग 50,000 कर दी है जो 2014 में करीब 4,000 थी।
तमिलनाडु सरकार की ओर से संचालित भारतीदासन विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कवि भारतीदासन के तमिल छंदों ‘पुथियाथोर उलागम सेवोम’ का हवाला दिया और कहा कि इसका मतलब एक साहसी, नई दुनिया बनाना है जो विश्वविद्यालय का आदर्श वाक्य भी है। मोदी ने कहा कि भारतीय युवा पहले से ही ऐसी दुनिया बना रहे हैं। इस विश्वविद्यालय का नाम भारतीदासन के ही नाम पर रखा गया है।
उन्होंने कहा कि भारतीय वैज्ञानिक चंद्रयान जैसे अभियानों के माध्यम से दुनिया के नक्शे पर पहुंच चुके हैं और ‘हमारे नवोन्मेषकों ने पेटेंट की संख्या 2014 में लगभग 4,000 से बढ़ाकर अब लगभग 50,000 कर दी है।’ उन्होंने कहा कि भारत के मानविकी क्षेत्र के विद्वान दुनिया के सामने भारत की कहानी को ऐसे प्रदर्शित कर रहे हैं, जैसा पहले कभी नहीं हुआ।
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के संगीतकार और कलाकार लगातार देश के लिए अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार ला रहे हैं। उन्होंने रेखांकित किया कि शिक्षा का सही उद्देश्य उसे अर्जित करने के बाद एक बेहतर समाज और देश बनाने में उसका उपयोग करना है। मोदी ने कहा, ‘‘युवाओं का मतलब ऊर्जा है। इसका मतलब है गति, कौशल और व्यापक स्तर पर काम करने की क्षमता।
पिछले कुछ सालों में हमने गति और व्यापक स्तर पर काम किया है ताकि समाज को फायदा पहुंच सकें।’’ उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में, हवाई अड्डों की संख्या 74 से दोगुनी होकर लगभग 150 हो गई है। उन्होंने कहा, ‘‘तमिलनाडु में एक जीवंत समुद्र तट है, इसलिए आपको यह जानकर खुशी होगी कि भारत में प्रमुख बंदरगाहों की कुल कार्गो हैंडलिंग क्षमता 2014 से दोगुनी हो गई है।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में सड़क और राजमार्ग निर्माण की गति पिछले 10 वर्षों में लगभग दोगुनी हो गई है और देश में पंजीकृत स्टार्टअप की संख्या बढ़कर लगभग एक लाख हो गई है जो कि 2014 तक 100 से भी कम थी। उन्होंने कहा कि भारत ने महत्वपूर्ण अर्थव्यवस्थाओं के साथ कई व्यापार करार भी किए हैं और इस तरह के करार हमारे माल और सेवाओं के लिए नए बाजार खोलेंगे तथा वे युवाओं के लिए अनगिनत नए अवसर भी पैदा करते हैं।
मोदी ने कहा कि भले ही जी20 जैसी संस्थाएं, जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ रही हों या वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में बड़ी भूमिका निभा रही हों, हर वैश्विक समाधान के हिस्से के रूप में भारत का स्वागत किया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘कई मायनों में, स्थानीय और वैश्विक कारकों के कारण, यह भारत में युवाओं के लिए सबसे अच्छा समय है। हमारे देश को नयी ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए इस समय का अधिकतम लाभ उठाएं।’’
निरंतर सीखने, पुन: कौशल हासिल करने तथा उसे और बेहतर बनाने के महत्व को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि तेजी से बदलती दुनिया में या तो आप बदलाव लाते हैं या बदलाव आपको बदल देता है। मोदी 1982 में स्थापित विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह को संबोधित करने वाले पहले प्रधानमंत्री हैं।