भारतीय नौसेना 18 से 19 दिसंबर के बीच युद्धपोत से मिसाइल परीक्षण कर सकती है. इसके लिए नौसेना ने NOTAM जारी किया है, जिसमें 800 किलोमीटर की रेंज के मिसाइल परीक्षण की जानकारी दी गई है. ये मिसाइल टेस्ट विशाखापटनम में बंगाल की खाड़ी के पास किया जाएगा. युद्धपोत से किया जाने वाला ये मिसाइल परीक्षण 18 तारीख की सुबह 7 बजे से लेकर अगले दिन यानी 19 दिसंबर की शाम 4 बजे के बीच में किया जाएगा. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक ब्रह्मोस की एक्सटेंड रेंज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का परीक्षण या स्वदेशी टेक्नोलॉजी क्रूज मिसाइल हो सकती है. नेवी के युद्धपोत से इस तरह की मिसाइल का परीक्षण किया जाएगा.
ब्रह्मोस एक्सटेंडेड रेंज क्रूज मिसाइल की मारक क्षमता लगभग 800 किलोमीटर है, जो कि इसकी पुरानी रेंज से तीन गुना अधिक है. यह मिसाइल भारत और रूस के संयुक्त प्रयास से विकसित की गई है और इसका उपयोग भारतीय नौसेना द्वारा किया जाता है. ब्रह्मोस मिसाइल की विशेषता यह है कि यह सुपरसोनिक गति से उड़ सकती है और इसका उपयोग जमीन, हवा और समुद्र से किया जा सकता है. ब्रह्मोस एक्सटेंड रेंज क्रूज मिसाइल दुनिया की सबसे तेज मारक मिसाइलों में से एक है, जो करीब 4,300 किमी/घंटा की रफ्तार से उड़ान भरती है.
10 मीटर की ऊंचाई पर उड़ान भरने में सक्षम
यह मिसाइल अपने लक्ष्य तक पहुंचने से पहले अपना मार्ग बदल सकती है, जो इसे और भी खतरनाक बनाती है. चलते-फिरते टारगेट को भी बर्बाद कर सकती है. इसकी तेज गति इसे दुश्मन के रडार से बचने में मदद करती है. यह 10 मीटर की ऊंचाई पर उड़ान भरने में सक्षम हैं, इसको मार गिराना लगभग अंसभव है. ब्रह्मोस मिसाइल अमेरिका के टोमाहॉक मिसाइल से दोगुना तेज उड़ती है. यह मिसाइल 1200 यूनिट की ऊर्जा पैदा करती है, जो किसी भी बड़े टारगेट को मिट्टी में मिला सकता है. यह मिसाइल विभिन्न प्रकार के प्लेटफ़ॉर्म से दागी जा सकती है, जैसे कि जहाज, पनडुब्बी, विमान और भूमि आधारित मोबाइल लॉन्चर.