काठमांडू। नेपाल के संखुवासभा में बनने जा रही 669 मेगावाट क्षमता की लोअर अरुण जलविद्युत परियोजना से प्रभावित होने वाले 268 परिवार को करीब 140 करोड़ रुपये मुआवजा दिया जाएगा। इसके लिए नेपाल सरकार, राज्य सरकार और स्थानीय निकाय के साथ भारतीय कंपनी सतलज जल विद्युत निगम समन्वय का काम कर रही है।
सतलज जल विद्युत निगम द्वारा प्रस्तावित लोअर अरुण जलविद्युत परियोजना के पुनर्वास एवं पुनर्स्थापन की मसौदा रिपोर्ट के अनुसार परियोजना के निर्माण के लिए लगभग 65 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा। लोअर अरुण पावर डेवलपमेंट कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरुण धीमान ने बताया कि इस परियोजना के लिए 65 हेक्टेयर निजी भूमि के अलावा 70 हेक्टेयर वन क्षेत्र और 6 हेक्टेयर सरकारी भूमि का भी अधिग्रहण किया जाएगा।
धीमान ने बताया कि प्रभावित 268 परिवारों को 1 अरब 40 करोड़ रुपये का मुआवजा वितरित किया जाएगा। नेपाल और भारत सरकार के बीच इस परियोजना के निर्माण पर समझौता होने के बाद भारत सरकार की तरफ से पहली किस्त के रूप में 500 करोड़ रुपये भी अवमुक्त कर दिए गये हैं। इसके बाद ही सतलज कंपनी ने प्रभावित क्षेत्र के निवासियों के साथ चर्चा शुरू कर दी है।
900 मेगावाट क्षमता के अरुण-3 जलविद्युत उत्पादन से निकलने वाले पानी को 17.4 किमी सुरंग के माध्यम से खादबारी के चेवाबेसी तक लाकर इसी पानी से 669 मेगावाट बिजली उत्पादन किए जाने की योजना है।
इस समय 900 मेगावाट अरुण-3 जलविद्युत परियोजना का निर्माण का काम अंतिम चरण में है। इस परियोजना का निर्माण कार्य 2024 के आखिरी तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इस परियोजना से उत्पादित बिजली का 25 प्रतिशत नेपाल को मुफ्त में दिया जाएगा जबकि बाकी 75 प्रतिशत बिजली भारत को दिया जाएगा।