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भारतीय सेना ने ‘खड़गा कामिकेज़’ ड्रोन को अपने बेड़े में शामिल कर लिया है. यह ड्रोन खुफिया और निगरानी भूमिकाओं में तैनात किया जा सकता है. यह पलक झपकते ही आतंकियों का काम तमाम कर देगा.भारतीय सेना ने इस ड्रोन को ‘मदर ड्रोन’ नाम दिया है, जिसके साथ दो छोटे ड्रोन भी बंधे रहेंगे. यह ड्रोन एमुनेशन यानी RDX का भी वजन उठाने में सक्षम रहेंगे. यही नहीं ये कामिकेज नाम के ड्रोन टारगेट पर जाकर अपने मिशन को भी पूरा करने में सफल रहेंगे.
भारतीय सेना के बेड़े में शामिल ये खास तरह की तकनीक से बनाए गए ड्रोन हर मौसम यानि की दिन-रात, तूफान और बारिश बर्फबारी में भी कारगर होंगे. यह ड्रोन एक उच्च गति और कम वजन वाला हवाई वाहन है जिसकी गति 40 मीटर प्रति सेकंड है. वजन में बेहद हल्का, क्वीक लॉन्च और हवाई टारगेट करने में आसान है. ये आर्मी के ग्राउंड ऑपरेशन के समय दुश्मन की खुफिया जानकारी इकट्ठा कर सकता है.
ये ड्रोन 700 ग्राम तक विस्फोटक एक जगह से दूसरी जगह ले जा सकता है. इसमें जीपीएस, नेविगेशन सिस्टम और हाई-डेफिनिशन कैमरा लगा हुआ है. इसमें कथित तौर पर दुश्मन के इलेक्ट्रोमैग्नेटिक स्पेक्ट्रम जैमिंग के लिए जवाबी उपाय भी हैं.
इतने किलोमीटर है ड्रोन की रेंज
एक तरह के आत्मघाती ड्रोन के तौर पर जाना जाने वाला यह ड्रोन आसानी से दुश्मन के ठिकानों को तबाह कर सकता है। अधिकारियों के मुताबिक खड़गा’ रडार की रेंज में नहीं आता है. अधिकारियों ने बताया कि ऐसे ड्रोन का इस्तेमाल रूस-यूक्रेन युद्ध में किया गया था.
क्या है खासियत?
ड्रोन लंबे समय तक टारगेट के इलाके में उड़ सकते हैं. इनमें विस्फोटक लगा होता है. दूर बैठा कोई भी व्यक्ति इन्हें कंट्रोल कर सकता है. इन्हें झुंड में यानी कई ड्रोन एक साथ भेजे जा सकते हैं. इससे यह दुश्मन के रडार और डिफेंस से बचकर टारगेट पर हमला कर सकता है. आज भारत भी पूरी तरह से स्वदेशी कामिकेज़ ड्रोन विकसित कर रहा है. 21वीं सदी के नए युग की ये वॉर मशीने गेम-चेंजिंग हैं.