इजरायल और लेबनान के बीच सीजफायर का भारत ने किया स्वागत, बयान जारी

नई दिल्ली। इजरायल और लेबनान के बीच युद्धविराम पर बात बन गई है। पिछले कई महीनों के भीषण युद्ध के बाद दोनों देशों की सहमति से ये फैसला हुआ है। इजरायल और लेबनान के बीच सीजफायर के फैसले का भारत ने स्वागत किया।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि हम इजरायल और लेबनान के बीच घोषित युद्ध विराम का स्वागत करते हैं। हमने हमेशा तनाव कम करने, संयम बरतने और बातचीत और कूटनीति के रास्ते पर लौटने का आह्वान किया है। हमें उम्मीद है कि इन घटनाक्रमों से व्यापक क्षेत्र में शांति और स्थिरता आएगी।

इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच समाप्त होगा युद्ध
इजरायल और लेबनान के बीच युद्धविराम को लेकर वार्ता सफल रही है। दोनों पक्ष युद्धविराम के समझौते पर तैयार हैं। युद्धविराम पर यह समझौता 27 नवंबर की आधी रात (इजरायल समय) पर लागू होगा। हिजबुल्लाह ने शुरुआती तौर पर इस फैसला का समर्थन दिया है। युद्धविराम के बाद दोनों पक्षों में शांति स्थापित होने की उम्मीद जगी है।

इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच हुए सीजफायर की शर्तों के अनुसार इस समझौते में 60 दिनों का युद्धविराम किया गया है। सीजफायर के अनुसार इजरायली सैनिक लेबनान से वापस जाएंगे। हिजबुल्लाह के लड़ाके भी दक्षिणी लेबनान में इजरायली सीमा से हटेंगे।
वहीं, समझौते में इस बात पर जोर दिया गया है कि हिजबुल्लाह अगर युद्धविराम का उल्लंघन करता है तो इजरायल को हमला करने का अधिकार होगा। हालांकि, लेबनान की ओर से इस प्रावधान का कड़ा विरोध जताया गया।

अमेरिका ब्रिटेन ने कही ये बात
इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच सीजफायर के फैसले पर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा,”आज, मेरे पास मध्य पूर्व से रिपोर्ट करने के लिए अच्छी खबर है। मैंने लेबनान और इजरायल के प्रधानमंत्रियों से बात की है और मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि उन्होंने इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच विनाशकारी संघर्ष को समाप्त करने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है”।
वहीं, ब्रिटेन के पीएम कीर स्टार्मर ने भी युद्ध विराम के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि हमें अब गाजा में युद्ध विराम समझौते, बंधकों की रिहाई और मानवीय सहायता पर लगे प्रतिबंधों को हटाने की दिशा में कदम उठाने चाहिए।

Related Articles

Back to top button