भारत आज से लेकर 30 नवंबर के बीच में सबमरीन लॉन्च बैलेस्टिक मिसाइल का परीक्षण कर सकता है. इसके लिए भारत ने NOTAM जारी किया है जिसमें 3,490 किलोमीटर तक की रेंज के मिसाइल परीक्षण की जानकारी दी गई है. ये मिसाइल टेस्ट विशाखापटनम में बंगाल की खाड़ी के पास किया जायेगा. ये किस तरह की मिसाइल होगी इसका खुलासा तो फिलहाल अभी नहीं किया गया है, लेकिन इस बात की संभावना है कि ये मिसाइल K4 या K5 हो सकती है.
K5 और K4 मिसाइलें भारत द्वारा विकसित की गई सबमरीन लॉन्च बैलेस्टिक मिसाइलें (SLBM) हैं. इन मिसाइलों को भारतीय नौसेना की पनडुब्बियों से लॉन्च किया जा सकता है. K4 मिसाइल की रेंज लगभग 3,500 किलोमीटर है, जो इसे एक मध्यम दूरी की बैलेस्टिक मिसाइल बनाती है. यह मिसाइल परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम होती है. K5 मिसाइल की रेंज लगभग 5,000 किलोमीटर है, जो इसे एक इंटरमीडिएट-रेंज बैलेस्टिक मिसाइल (IRBM) बनाती है. यह मिसाइल भी परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है.
K5 और K4 मिसाइलों को कहां बनाया गया?
K5 और K4 मिसाइलों का विकास भारत की रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा किया गया है. ये ऐसी मिसाइल हैं, जिनकी जद में आधा चीन तो पूरा पाकिस्तान आता है. यह मिसाइल भारत के परमाणु प्रोग्राम का भी हिस्सा है. सबमरीन लॉन्च बैलेस्टिक मिसाइल K5 को बनाने में पूरे 8 साल का समय लगा है.
दुनियां में बढ़ते युद्ध संकट के बीच भारत अपने आपको लगातार मजबूत और सशक्त करने में लगा है..हाल ही के दिनों में भारत ने ऐसी कई मिसाइलों का परीक्षण किया जिनसे पड़ोसी मुल्कों में खलबली है और इससे सबसे ज्यादा चीन परेशान है.
कई मिसाइलों का कर रहा है परीक्षण
हाल ही में DRDO ने पहली लंबी दूरी की हाइपरसोनिक मिसाइल का परीक्षण किया था. DRDO ने 16 नवंबर को ओडिशा के तट से दूर डॉ एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से अपनी लंबी दूरी की हाइपरसोनिक मिसाइल के सफलतापूर्वक उड़ान परीक्षण किया है. इस हाइपरसोनिक मिसाइल को भारतीय सशस्त्र बलों की तीनों सेनाओं के लिए डिजाइन किया गया है. ये मिसाइल 1500 किमी से अधिक दूरी तक पेलोड ले जा सकती है.
इससे पहले रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज चांदीपुर से 1,000 किमी से अधिक की रेंज वाली लॉन्ग रेंज लैंड अटैक क्रूज़ मिसाइल (LRLACM) का पहला उड़ान परीक्षण किया. मोबाइल आर्टिकुलेटेड लॉन्चर से ओडिशा के तट पर ये सफल परीक्षण किया गया. सूत्रों के मुताबिक, भारत करीब 200 स्वदेशी लॉन्ग रेंज अटैक क्रूज़ मिसाइल को नेवी में शामिल कर सकता है.
ऐसे में DRDO ने इनके प्रदर्शन को बेहतर बनाने के लिए लगभग 20 अतिरिक्त परीक्षण उड़ानों की योजना बनाई है जिसमें, स्वदेशी रेडियो-फ्रीक्वेंसी के जरिए टर्मिनल होमिंग भी शामिल है. एक हजार किलोमीटर से अधिक की रेंज के साथ यह मिसाइल अपनी समुद्री-स्किमिंग क्षमताओं के साथ भारतीय सशस्त्र बलों खासतौर से नौसेना की शक्ति में जबरदस्त इजाफा देगी.